अरुंधति रॉय बोलीं- भाजपा की हिन्दू राष्ट्रवाद की सोच देश के लिए विभाजनकारी

अरुंधति रॉय बोलीं- भाजपा की हिन्दू राष्ट्रवाद की सोच देश के लिए विभाजनकारी

भारत की जानी-मानी लेखिका और बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय ने मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ‘द वायर’ के लिए करण थापर को दिए इंटरव्यू में कहा कि हिन्दू राष्ट्रवाद की सोच विभाजनकारी है और देश की जनता इसे कामयाब नहीं होने देगी।

अरुंधति रॉय ने भाजपा को फासीवादी करार देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश एक दिन इनका विरोध करेगा। लेखिका ने कहा, “मुझे भारतीय लोगों पर भरोसा है और मेरा मानना है कि देश इस अंधेरी खाई से बाहर निकल आएगा।”

उन्होंने कहा कि मोदी उद्योगपतियों के पसंदीदा हैं। उन्होंने कहा, ”मोदी के एक पसंदीदा उद्योगपति ने दूसरे पसंदीदा को अमीरी के मामले में पीछे छोड़ दिया है। अडानी का साम्राज्य 88 अरब डॉलर का है और अंबानी का शायद 87 अरब डॉलर का। अडानी की संपत्ति में 51 अरब डॉलर तो केवल पिछले साल जुड़ा है, जब भारत के लोग गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी में समा रहे थे।”

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एक सवाल के जवाब में अरुंधति राय ने कहा , ”मोदी के आने के बाद देश में विषमता और बढ़ी है। देश के 100 लोगों के पास भारत की 25 फीसदी GDP है। उत्तर प्रदेश के एक किसान ने बहुत सटीक टिप्पणी करते हुए कहा था- देश को चार लोग चलाते हैं, दो बेचते हैं और दो खरीदते हैं। ये चारों गुजरात से हैं।”

उन्होंने कहा, ”अंबानी और अडानी के पास पोर्ट, माइंस, मीडिया, इंटरनेट, पेट्रोकेमिकल्स समेत कई चीज़ों पर एकाधिकार है। राहुल गांधी अमीर और गरीब भारत तो ओवैसी नफरत और मोहब्बत के हिन्दुस्तान की बात करते हैं लेकिन ये सब कॉर्पोरेट घराने के साथ लंबे समय से रहे हैं।”

अरुंधति रॉय ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के भारत के दावे पर सवाल खड़ा किया, “मोदी सरकार में लोकतंत्र के स्तंभ चाहे वो प्रेस हो, अदालतें हों, खुफिया एजेंसियां हों, सेना हो, शिक्षण संस्थान हों, उन पर कहीं न कहीं इस हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा का असर देखने को मिल रहा है।”

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उन्होंने कहा कि संसद में नागरिकता संशोधन कानून, कृषि कानून, अनुच्छेद 370 को हटाना असंवैधानिक कदम थे क्योंकि इससे लाखों लोगों के जीवन पर असर पड़ा है। उन्होंने आगे कहा, ”प्रधानमंत्री कार्यालय का दुरुपयोग प्रधानमंत्री द्वारा ही किया जा रहा है। मुझे लगता है कि बीजेपी ने लोगों को इस तरह उलझा दिया है कि लोग इस पार्टी को ही देश मानने लगे हैं। आप बीजेपी की आलोचना करेंगे तो वो देश की आलोचना होती है, बीजेपी महान तो देश महान। ये बहुत ही खतरनाक है। देश में लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है।”

जब उनसे करण थापर ने पूछा कि क्या भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य से अब हिन्दू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ता जा रहा है? तो उन्होंने जवाब दिया, “कई धर्म संसदों में मुस्लिमों के नरसंहार का आह्वान किया गया। हिंदुओं को हथियार उठाने के लिए कहा गया। इसके मुख्य अभियुक्त यती नरसिंहानंद को हाल ही में बेल मिल गई। सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि अदालते भी इसका हिस्सा हैं। इस देश में कवि, लेखक, प्रोफेसर, वकील जेल में हैं लेकिन जो आदमी खुलेआम नरसंहार की बात कर रहा है, उसे बेल मिल जाती है।”

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अरुंधति राय ने अदालती फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “अब हिजाब विवाद में भी देखिए, भले ही कुछ ही दिन के लिए अदालत ने हिंदुओं के हक में ही आदेश दिया है। क्लास में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने दिया जाए या नहीं ये चर्चा का विषय है। लेकिन प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री संवैधानिक पदों पर रहते हुए कैसे भगवा गमछे गले में पहनते हैं। ये सरकार देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की ओर ले जा रही है। ये किसी से छिपा नहीं है।”

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अरुंधति रॉय ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर कहा, “हम हमेशा से अमानवीय रहे हैं। जिस देश में यहाँ की तरह जाति प्रथा हो, वो अमानवीय देश ही है। ये ऐसी व्यवस्था है जिसमें हमेशा हिंसा का खतरा है।” जब पूछा गया कि क्या भारत एक फासीवादी देश बन गया है? तो उन्होंने कहा, “मैं ये नहीं कहती कि भारत फासीवादी है लेकिन ये कह रही हूँ कि ये सरकार देश को फासीवाद की ओर ही ले जा रही है और आरएसएस भी।”

फिर उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि वो सफल होंगे। लेकिन मुझे लगता है कि ये ऐसा रास्ता है, जिससे हमें होकर गुजरना पड़ेगा लेकिन आखिर में इस देश के लोग इस प्रयोग को विफल बनाएंगे। हम फासीवादी देश बनने की प्रक्रिया में है। लेकिन दो साल पहले हमारे फासीवादी बनने की आशंका आज की तुलना में कहीं ज्यादा थी लेकिन किसान आंदोलन जैसे बड़े प्रदर्शनों के जरिए भारत के लोग इससे लड़ रहे हैं।”

इंटरव्यू के दौरान अरुंधति रॉय ने कहा, “देश के फासीवादी बनने का खतरा कम जरूर हुआ है। लेकिन अगर बीजेपी 2022 में उत्तर प्रदेश चुनाव हार जाती है तो वो फिर सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देकर अपने मकसद में कामयाब होने की कोशिश कर सकती है। अगर बीजेपी हारती है तो जीतने वाली सरकार को ज्यादा सतर्क रहना होगा। मुझे लगता है कि मोदी के सितारे एक दिन गर्दिश में होंगे। फिर वो कभी भी हो।”


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