सातवें दौर की बैठक भी बेनतीजा, किसानों ने सरकार का संशोधन प्रस्ताव फाड़ा

सातवें दौर की बैठक भी बेनतीजा, किसानों ने सरकार का संशोधन प्रस्ताव फाड़ा

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। आज आंदोलन का 40वां दिन है। किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच आज सोमवार को 7वें दौर की बातचीत हुई लेकिन बैठक बेनतीजा रहा। बैठक के दौरान सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है।

वहीं, किसानों के तरफ से तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग जारी है। अगली अब बैठक 8 जनवरी को होगी। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि सरकार का दिया संशोधन किसानों ने फाड़ दिया। आज की बातचीत में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है।

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विभिन्न किसान संगठनों के 41 नेताओं के साथ केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने बातचीत की। राकेश टिकैत ने दोपहर में शुरू हुई बैठक के खत्म होने के बाद कहा, ”हमारी मांगों पर बातचीत हुई। कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं। कोई तनातनी नहीं है। हमने साफ कर दिया है कानून वापसी के बिना कुछ भी मंजूर नहीं है। 8 जनवरी को फिर से बात होगी। हमने सरकार का संशोधन फाड़ दिया।”

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किसान नेता ने 7वें दौर की बातचीत के बाद दावा किया कि सरकार काफी दबाव में है। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बताया, ”सरकार दबाव में है। हम सभी ने कहा कि हमारी कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग है। हम किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा।” खबरों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई। उसके बाद बाद भोजनावकाश लिया गया। सरकार भी कानूनों को निरस्त नहीं करने के अपने रुख अड़ी हुई है। वहीं किसान भी अपनी मांग पर कायम हैं।

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