मोदी सरकार ने दिया चीनी कंपनी को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना का ठेका

मोदी सरकार ने दिया चीनी कंपनी को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना का ठेका

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों में व्यापार की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। बीते दिनों दोनों देशों के बीच हालात यहां तक पहुंच गए थे कि भारत ने चीनी कंपनियों को दिए गए सभी ठेके रद्द कर दिए गए थे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट मुताबिक, देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने फिर से दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के कुछ हिस्सों का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया गया है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक के 5.6 किलोमीटर के भूमिगत स्ट्रेच के निर्माण के लिए चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका दिया है।

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एनसीआरटीसी, जो देश के पहले क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को निष्पादित कर रही है; ने कहा कि यह निर्धारित प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों के बाद दिया गया है। कंपनी ने कहा, “बोली लगाने वालों में बहुस्तरीय एजेंसियां शामिल होती हैं और इसके लिए कई स्तरों पर मंजूरी लेनी होती है। इस बोली का ठेका भी तय नियमों के तहत दिया गया था। अब इस दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ प्रोजेक्ट का काम तेजी से चलेगा और काम वक्त पर पूरा किया जाएगा।”

एनसीआरटीसी ने कहा, “कई एजेंसियों द्वारा इसके लिए बोली लगाई गई थी। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति लेनी होती है। इस बोली को निर्धारित प्रक्रिया और दिशानिर्देशों के बाद ही इजाजत दी गई थी।” कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “अब 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी सिविल वर्क टेंडर को जारी किया जा चुका है। इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए निर्माण कार्य जारी है।”

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उल्लेखनीय है कि 82-किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) फंड कर रहा है। एशियन डेवलपमेंट की गाइडलाइंस पर इस प्रोजेक्ट का कामकाज हो रहा है। एडीबी की गाइडलाइंस के अनुसार, सभी सदस्य देशों की कंपनियां बिडिंग में भाग ले सकती हैं। चीन चूंकि अब एडीबी का सदस्य देश हैं इसलिए किसी भी तरह भारत चीनी कंपनी को इस प्रोजेक्ट से सिर्फ इस आधार पर बाहर नहीं कर सकता क्यों कि ये एक चीनी कंपनी है।

बता दें कि न्यू अशोक नगर से दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद तक सुरंग के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी ने 9 नवंबर, 2019 को बोलियां आमंत्रित की थीं। इसके लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई। एडीबी से तकनीकी बोली मूल्यांकन पर एनओसी प्राप्त करने के बाद बोलियां खोली गईं। जिन पांच कंपनियों ने इसमें बोलियां लगाई थी उसमें शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को सभी मापदंडों पर योग्य पाने के बाद ठेका दिया गया।

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