पप्पू यादव को RJD ने बताया BJP और नीतीश कुमार का एजेंट

पप्पू यादव को RJD ने बताया BJP और नीतीश कुमार का एजेंट

पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर लालू यादव की पार्टी अब तक खामोश थी। लोगों की समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्यों अकेली विपक्षी पार्टी है जो उनके समर्थन में कुछ नहीं बोली। हालांकि, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने पप्पू यादव के समर्थ में एक ट्वीट किया था जिसे आगे चलकर उन्होंने हटा लिया था। लेकिन, अब मधेपुरा से राजद विधायक चंद्रशेखर सिंह और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पप्पू यादव पर बड़ा आरोप लगाया है और अपनी पार्टी का स्टैन्ड क्लियर किया है।

दरअसल, पटना में बुधवार को राजद के इन दोनों नेताओं ने एक प्रेसवार्ता किया और आरोप लगाया कि पप्पू यादव भाजपा और नीतीश कुमार से मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस 32 साल पुराने केस में पप्पू यादव को गिरफ्तार किया है, वे इस मामले में इस केस में फरार चल रहे थे। राजद का कहना है कि बीते चुनाव में आरटीआई के जरिए बिहार सरकार से पूछा था कि क्या पप्पू यादव इस मुकदमे में जमानत पर हैं या फरार? तब नीतीश सरकार ने लिखित में उत्तर दिया था कि पप्पू यादव फरार हैं। अब जनता के दिमाग में एक सवाल उठेगा की एख आदमी खुलाआम जनता से मिल रहा है, घुम रहा है, समाजिक कार्यों को कर रहा है वह फरार कैसे है। और अगर है भी तो उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

पप्पू यादव को RJD ने बताया BJP और नीतीश कुमार का एजेंट

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खैर, राजद का कहना है कि उसने लिखित में मधेपुरा प्रशासन को सभी डिटेल उपलब्ध कराए पर नीतीश सरकार ने फरार पप्पू यादव को गिरफ्तार करने की बजाय उन्हें बिहार में हेलिकॉप्टर से घूमने की इजाजत दे दी। राजद का पप्पू यादव को लेकर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी-जेडीयू के समर्थन और प्रायोजन से महागठबंधन के वोटों में बिखराव के लिए उनके साथ मिलकर काम किया। यही वजह है कि उन्हें हेलिकॉप्टर से घुमने की इजाजत दी और उनकी गिरफ्तारी नहीं होने दिया। राजद का कहना है कि मुख्यमंत्री के भी संज्ञान में यह मामला था क्योंकि सर्वविदित है कि नीतीश कुमार चुनाव में एक हफ्ते मधेपुरा में रुकते हैं।

मीडिया से बात करते हुए राजद नेताओं आरोप लगाया कि पप्पू यादव ने इसी फरारी के चलते सरकार के कहे अनुसार, अस्पताल से नामांकन किया पर मधेपुरा सहित संपूर्ण बिहार में प्रचार किया और मुख्यमंत्री ने उनकी कोई गिरफ्तारी नहीं होने दी। राजद ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने, मरते लोगों, जलते शवों और नदियों में बहती लाशों से ध्यान हटाने के लिए प्रायोजित नाटक के तहत पप्पू यादव की गिरफ्तारी करवाया है। हालांकि, राजद के नेता ध्यान हटाने वाली जो बात कह रहे हैं वह जनता को हजम नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि राजद के तेजस्वी यादव से लेकर क्षेत्रीय कार्यकर्ता तक कोई भी महामारी में कहीं नजर नहीं आ रहा है। राजद की राजनीति केवल ट्विटर से चल रही है। जनता के साथ पार्टी को कोई सख्स नहीं दिख रहा।

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पप्पू यादव को RJD ने बताया BJP और नीतीश कुमार का एजेंट

हालांकि, राजद का दावा है कि विगत वर्ष कोरोना काल की शुरुआत से ही सरकार के असहयोग और उदासीनता के बावजूद प्रवासी मजदूरों के आवागमन, ठहरने, खाने-पीने से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर पर लालू रसोई तथा अन्य माध्यमों से दवा, राशन और भोजन का प्रबंध कर रहा है। उनका कहना है कि अपने सीमित संसाधनों के साथ राजद हर संभव जरूरतमंदों की सहायता में प्रयासरत है। राजद नेताओं ने पूछा कि क्या 16 साल से शासन कर रहे जेडीयू और बीजेपी के लोग कहीं धरातल पर दिखे? प्रशासन ने लॉकडाउन और महामारी ऐक्ट का हवाला देकर राजद के राहत कार्यों में हमेशा व्यवधान उत्पन्न किया है और कर रहा है।

राजद ने दावा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के आह्वान पर सभी विधायकगण, नेता, कार्यकर्ता प्रचार और प्रपंच से दूर अपने-अपने क्षेत्रों में जनसेवा में लीन हैं। लालू प्रसाद ने बिहार सरकार की नाकामी को देखते हुए सभी कार्यकर्ताओं से जनसेवा में जुटने की अपील की। जिससे नीतीश सरकार के हाथ-पांव फूल गए और इन्होंने अपने अघोषित सहयोगियों के माध्यम से ज्वलंत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए अपना प्यादा (पप्पू यादव) आगे कर दिया।

वहीं, दूसरी तरफ पप्पू यादव ने राजद की प्रेसवार्ता के बाद ट्वीट कर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आप लोगों से यही उम्मीद थी। कोरोना काल में सद्बुद्धि मिले। कुर्सी की राजनीति बाद में कर लेंगे, अभी जिंदगियां बचाने के लिए सेवा की सियासत जरूरी है। इसके अलावा कुछ आरजेडी कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी के इस स्टैन्ड पर नराजगी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि 2015 में राजद नीतीश कुमार के साथ मिलकर चुनाव लड़ी तब क्या वो नीतीश की एजेंट नहीं थी?


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