तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बयान देकर महौल को गरम कर दिया है। आज उन्होंने ट्वीटर कर कहा कि कि किसानों को एक फिर दिल्ली में घुसना होगा और बैरिकेड तोड़ना होगा। किसान नेता ने कहा, “किसानों को फिर दिल्ली में घुसना होगा और बैरिकेड तोड़ने होंगे।”
किसानों को फिर दिल्ली में घुसना होगा और बैरिकेड तोड़ने होंगे- राकेश टिकैत
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) March 24, 2021
इससे पहले टिकैत ने सरकार से मांग की कि आंदोलन स्थल पर मौजूद किसानों का टीकाकरण किया जाए। आंदोलन स्थल पर कोरोना के खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा, “कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो उनकी गाइडलाइंस को फॉलो किया जाए, आंदोलन स्थलों पर जो लोग बैठे हैं उनको भी वैक्सीन लगाई जाए। आंदोलन स्थलों पर हम शोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। धरना स्थल पर आने जाने वाले किसानों को वैक्सीन लगाई जाय, मैं भी टीका लगवाऊंगा।”
टिकैत ने बढ़ते कोरोना के मामले पर जेलों में कैदियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, “जेल में मौजूद कैदियों के परिजनों के सन्देश आ रहे हैं कि हमारा भी मुद्दा उठाया जाए। जेल में बहुत भीड़ है, कोरोना की गाइडलाइंस का पालन होना चाहिए। कैदी एक दूसरे से टच होकर सोता है, इतनी भीड़ हो चुकी है।”
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उन्होंने आगे कहा, “जेलों में भी सोशल डिस्टेनसिंग का पालन होना चाहिए। कोरोना के कारण आंदोलन खत्म नहीं होने देंगे, टेंटों को और बड़ा बना लेंगे। आंदोलन लंबा चलेगा।”
बीते चार महीनों से अधिक समय से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी महीने में ही इस मामले पर सुनवाई करते हुए कानूनों पर आंतरिम रोक लगा दी थी। अब तक आंदोलन के दौरान 250 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है।
दो दिन बाद यानी 26 मार्च (शुक्रवार) को किसान संगठनों ने भारत बंद का भी ऐलान किया है। किसानों का आरोप है कि नए तीन कृषि कानूनों के लागू होने से कॉर्पोरेट सेक्टर को फायदा होगा और उनकी जमीन इनके हाथों में चली जाएगी।
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इसके अलावा किसानों का कहना है कि एमएसपी पर सरकार कानून लाए। बीते दिन मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र को इस बारे में सोचना चाहिए। इसका हल निकालना होगा।
किसानों के आत्महत्या पर मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा था कि जब एक जानवर की मौत हो जाती है तो नेता शोक व्यक्त करने के लिए आ जाते हैं। उल्लेखनीय है कि देशभर के किसानों ने बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आवाह्न किया था।
ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा और पुलिस के साथ किसानों की भारी झड़पें हुई थी। किसानों के गुट में कुछ लोगों ने लाल किला पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहराया था। इस दौरान एक किसान की भी मौत हुई थी। जिसको लेकर भारी हंगामा हुआ था और ये मामला संसद में उठाया गया था।
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