PM मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ का जवाब राहुल गांधी ने ‘क्रोनीजीवी’ से दिया, जानें पूरी बात

PM मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ का जवाब राहुल गांधी ने ‘क्रोनीजीवी’ से दिया, जानें पूरी बात

राजस्थान विधानसभा का आज बुधवार को बजट सत्र शुरू हो गया। लेकिन केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए इस दौरान एक विधायक ने आंदोलनरत किसानों के समर्थन में ‘जय श्री किसान’ और ‘आंदोलनजीवी जिंदाबाद’ के नारे लगाए। विधायक ने सदन में किसान आंदोलन को लेकर भी नारेबाजी की और कृषि कानू को वापस लेने की मांग की।

15वीं विधानसभा का छठा सत्र 11 बजे शुरू हुआ। सबसे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र का अभिभाषण हुआ। अभिभाषण में राज्यपाल सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। लेकिन इसी बीच भादरा से विधायक बलवान पूनियां ने किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।

कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए पूनिया ने ‘काले कानून वापस लो’ का पर्चा भी लहराया और ‘जय श्री किसान’ और ‘आंदोलनजीवी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए। हालांकि, सत्तापक्ष के कई मंत्रियों उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन वह अभिभाषण के दौरान नारे लगाते रहे।

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उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का जवाब ‘क्रोनीजीवी’ से दिया है। पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और बैंकों में हिस्सेदारी बेचने को लेकर उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए इशारों-इशारों में मोदी सरकार को क्रोनीजीवी बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”Crony-जीवी है जो देश बेच रहा है वो। #PSU_PSB_Sale”

जैसा कि मालूम है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान किसान आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा था कि देश में एक नई जमात आ गई है, जिसका नाम ‘आंदोलनजीवी’ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “आंदोलनजीवी को परजीवी बताते हुए कहा था कि यह लोग खुद का आंदोलन खड़ा नहीं कर पाते इसलिए दूसरों के आंदोलन में जाकर बैठ जाते हैं।”

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उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में केंद्र सरकार ने सरकरी कंपनियों में निजीकरण को बढ़ाने का ऐलान किया है। सरकारी कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं, जिनमें दो पब्लिक सेक्टर बैंक्स भी शामिल हैं। और एक इश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया गया है।

बजट के बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों’ को सौंपने की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।”

राहुल गांधी के इस ट्वीट का अगर अर्थ निकाला जाए तो ‘क्रोनी’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘मित्र’। देखा जाए तो अर्थव्यवस्था में पूंजीवाद को बढ़ावा देने वालों के लिए क्रोनी कैपिटिलिस्ट शब्द का प्रयोग किया जाता है।

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अगर आसान भाषा में अगर समझें तो कुछ बड़े उद्योगपतियों और राजनेताओं का गिरोह जो एक दूसरे को फायदा पहुंचाने के लिए काम करता है। राहुल गांधी के इस ट्वीट का सीधा अर्थ ये निकाला जा सकता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने करीबी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं।

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