हैदरपोरा एनकाउंटर पर विवाद शुरू हो गया है। जम्मू और कश्मीर के विपक्षी नेताओं ने इस एनकाउंटर पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। मुठभेड़ में दो कथित आतंकवादी सहित उनके दो सहयोगियों को मार गिराने का दावा किया गया था। लेकिन, परिजनों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे आतंकवादियों के सहयोगी नहीं, बल्कि आम नागरिक थे। परिजनों और स्थानीय नेताओं ने कथित हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है।
दरअसल, सुरक्षा बलों की सोमवार की रात दो संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक अल्ताफ अहमद और उसी मकान में किराए पर रहने वाले मुदासिर गुल भी मारे गए। हालांकि, परिजनों का कहना है कि वे निर्दोष हैं।
Family of Dr. Mudasir Gul who was killed during an encounter at Hyderpora Srinagar demand return of his body, reiterating that he had no links with militants.#kashmir pic.twitter.com/ItyrUuBoPi
— Mlr KaMrAN (@MlrKamran) November 16, 2021
अल्ताफ अहमद ने परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें ‘मानव ढाल’ बनाकर इस्तेमाल किया गया। जबकि पुलिस दावा कर रही है कि मारे गए दोनों व्यक्ति आतंकवादियों के सहयोगी थे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार को घेरा है।
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महबूबा ने ट्वीट कर कहा, “निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें क्रॉस फायरिंग में मारना और फिर उन्हें आसानी से ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) के करार देना अब भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है। यह जरूरी है कि सच्चाई को सामने लाने के लिए एक विश्वसनीय न्यायिक जांच की जाए और दण्ड से मुक्ति की इस प्रचलित संस्कृति को समाप्त किया जाए।”
Using innocent civilians as human shields, getting them killed in cross firing & then conveniently labelling them as OGWs is part of GOIs rulebook now. Imperative that a credible judicial enquiry is done to bring out the truth & put an end to this rampant culture of impunity. https://t.co/QOJonQ0kyS
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 16, 2021
दूसरी तरफ, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी हैदरपोरा इनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने भी मुठभेड़ की निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा है, “मुठभेड़ और मारे गए लोगों के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए जा रहे हैं। अतीत में फर्जी मुठभेड़ों के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस एनकाउंटर के बारे में उठाए गए सवालों का तेजी से और विश्वसनीय तरीके से जवाब देने की जरूरत है।”
An impartial & credible inquiry in to the recent encounter in #Hyderpora is an absolute necessity. There are far too many questions being raised about the encounter & about the people killed.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 16, 2021
पुलिस का कहना है कि आतंकवादी गुल द्वारा किराए पर लिए गए एक कमरे में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर छिपे हुए थे। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने मारे गए व्यक्तियों में से एक की पहचान बिलाल भाई उर्फ हैदर के रूप में की है, जिसे पाकिस्तान का बताया जा रहा है। वहीं, दूसरे को आतंकी जम्मू क्षेत्र के रामबन का रहने वाला है और उसके परिवार को पहचान के लिए बुलाया गया है।
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पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन ने भी नागरिकों की हत्याओं की न्यायिक जांच की मांग की है। संगठन के प्रवक्ता और माकपा के वरिष्ठ नेता एम.वाई. तारिगामी ने साथ ही प्रशासन से अंतिम संस्कार के लिए मारे गए लोगों के शवों को संबंधित परिवारों को तुरंत सौंपने का आग्रह किया है।
Family of the deceased Altaf Ahmed who was killed during an encounter vehemently deny police claim that he had any links with militants. A distraught brother says they only want justice. pic.twitter.com/t7wpB3L8gE
— Basit Zargar (باسط) (@basiitzargar) November 16, 2021
तारिगामी ने आगे कहा, “कल एक और त्रासदी हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान हुई जिसमें दो नागरिकों की जान चली गई। हम एक भयानक दौर से गुजर रहे हैं। अब क्या कहानी सामने आएगी और सरकार इसकी क्या व्याख्या करेगी? उनके परिजन रो रहे हैं कि वे बेकसूर हैं।”
Relatives of slain Dr Mudasir Gul, killed in Hyderpora encounter, reject the police claims that he was an OGW and said that he had left for the office in the morning yesterday and today morning they were told that he was killed.
— Aakash Hassan (@AakashHassan) November 16, 2021
pic.twitter.com/P9Hk3tmEWp
उन्होंने इसके बाद कहा, “हम सच्चाई की जांच के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हैं। मारे गए लोग वापस नहीं आएंगे। लेकिन कम-से-कम उनके परिवारों को पता चल जाएगा कि क्या हुआ था।”
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पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने हैदरपोरा में घटनाओं के पारदर्शी विवरण की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। एक तटस्थ संस्था द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए। यह न तो पहली बार है और न ही आखिरी बार। मनोज सिन्हा आपके पास यह कहने का अवसर है कि मानव जीवन मायने रखता है।”
Daughter of Altaf Ahamad Bhat who was killed in Hyderpora Srinagar encounter talking to media.#kashmir pic.twitter.com/mHbcjGnmAy
— kamran yousuf (@kamranyousuf_) November 16, 2021
उधर, श्रीनगर नगर निगम के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने कहा, “हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर गंभीर आरोप लग रहे रहे हैं। माननीय एल.जी. मनोज सिन्हा साहब सच्चाई का पता लगाने के लिए निष्पक्ष और समयबद्ध जांच का आदेश देने का अनुरोध करें। आशा है कि सच्चाई की जीत होगी। दो नागरिकों के परिवारों को निष्पक्ष रूप से सुना जाना चाहिए।”
Family members of Dr.Mudasir who was killed in Hyderpora encounter vehemently deny police claim that he had any links with militants and seeks his body to perform his last rites. pic.twitter.com/ioBjXOZYaT
— Basit Zargar (باسط) (@basiitzargar) November 16, 2021
घटना की हुर्रियत कांफ्रेंस ने नींदा की है। संगठन के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने मामले को उठाया है। एक बयान जारी कर समूह ने कहा, “राज्य द्वारा मानवाधिकारों के तीव्र उल्लंघन के खिलाफ भारत में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और नागरिक समाज की चुप्पी ने कश्मीर में रहने वाले लोगों के जीवन को नरक बना दिया है।” इसने घटना में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने और मृतकों के शवों को उनके अंतिम संस्कार और अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को तुरंत वापस करने की मांग की।
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