पुतिन ने न्यूक्लियर फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखा, यूरोप में बढ़ा तनाव

पुतिन ने न्यूक्लियर फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखा, यूरोप में बढ़ा तनाव

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को आदेश दिया है कि वो न्यूक्लियर फोर्सेज को स्पेशल अलर्ट पर रखें। रूस की स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्सेज के लिए ये सबसे बड़ा अलर्ट है। अमेरिका ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने इसे ‘अस्वीकार्य कदम’ बताया है।

पुतिन ने इसके पहले रक्षा मंत्री सेरगेई शोइगू और सेना के दूसरे शीर्ष अधिकारियों से बात किया। उन्होंने बातचीत में कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस के साथ ‘दोस्ताना बर्ताव नहीं’ किया और उन पर ‘गलत तरह से प्रतिबंध लगा दिए।’

रूस के न्यूक्लियर फोर्सेज को स्पेशल अलर्ट पर रखने इस कदम को नेटो देशों की प्रतिक्रिया के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। पुतिन के इस कदम को भविष्य की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, विदेश मामले के जानकारों का मानना है कि ये रूस का परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकेत देने के बजाए नेटा को चेतावनी देने का एक तरीका लगता है।

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बीते हफ्ते भी पुतिन ने चेतावनी दी थी कि जो भी हमें रोकने की कोशिश करेगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। सीबीएस न्यूज के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा है कि यह बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ग्रीनफील्ड ने कहा, “इसका मतलब ये है कि राष्ट्रपति पुतिन युद्ध को उस तरीके से आगे बढ़ाने जा रहे हैं जो बिल्कुल अस्वीकार्य है और हमें उनके एक्शन हर संभव तरीके से रोकने होंगे।”

दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आज रविवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से बात की। इसके बाद उन्होंने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा, “हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि यूक्रेन का प्रतिनिधि मंडल रूसी प्रतिनिधि मंडल से बिना किसी शर्त यूक्रेन-बेलारूस सीमा पर प्रिपयात नदी के किनारे मिलेगा।”

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जेलेंस्की ने आगे कहा, “अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने यह जिम्मेदारी ली है कि जब यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए जाएगा, बातचीत करेगा और वापस लौटने तक, सभी विमान, हेलिकॉप्टर और मिसाइल बेलारूस की सीमा पर लैंड रहेंगे।”

पुतिन ने न्यूक्लियर फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखा, यूरोप में बढ़ा तनाव

उन्होंने इससे पहले कहता था कि वह रूसी प्रतिनिधि मंडल से बेलारूस में नहीं मिलेंगे क्योंकि रूस ने बेलारूस के कुछ हिस्सों से यूक्रेन पर हमला किया था। उन्होंने बेलारूस के बजाए वारसॉ में बातचीत करने पर सहमति जताई थी।

हालांकि, अब तक न तो रूस की ओर से और न ही बेलारूस की तरफ से इस बातचीत के संबंध में कोई अधिकारिक बयान सामने आया है। उधर, इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने (IAEA) बुधवार को यूक्रेन के मौजूदा हालात को लेकर आपात बैठक बुलाई है।

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उल्लेखनीय गै कि यूक्रेन में चार न्यूक्यिलर पावर प्लांट हैं। माना जा रहा है कि अगर यहां हमला होता है तो बड़ी तबाही हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लियर वॉचडॉग संस्था के 35 देशों के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में यूक्रेन के हालात पर चर्चा होगी।

रूस की सेनाओं ने चेर्नोबिल में रेडियोएक्टिव वेस्ट और न्यूक्लियर फ्यूल को सीज कर दिया है। यह जगह दुनिया के सबसे बुरे न्यूक्लियर हादसे के लिए जानी जाती है। यहां काम करने वाले स्टाफ की ड्यूटी बीते गुरुवार से नहीं बदली गई है। IAEA का कहना है कि चेर्नोबिल में स्टाफ को उनका काम करने दिया जाए।


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