बिहारी छात्र -3 डिग्री टेम्परेचर में यूक्रेन से 40KM पैदल सफर कर पोलैंड पहुंचा

बिहारी छात्र -3 डिग्री टेम्परेचर में यूक्रेन से 40KM पैदल सफर कर पोलैंड पहुंचा

यूक्रेन में भीषण जंग जारी है। हजारों की संख्या में भारत समेत दुनियाभर के लोग वहां फंसे हुए हैं।हालांकि, कुछ छात्रों को आज रविवार को भारत लाया गया है। परिश्रम की भूमि बिहार के रहने वाले एक छात्र को -3 डिग्री में पैदल 40 किलोमीटर पैदल चलकर बॉर्डर पार करना पड़ा। इसके बाद वे पोलैंड बॉर्डर पहुंचें। इतना ही नहीं उन्होंने इसके बाद 174 किलोमीटर की दूरी का सफर टैक्सी किया और उसका किराया 19500 रुपये अदा किए।

शुभम सम्राट बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले हैं। वे यूक्रेन के टेरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई कर रहते हैं। शुभम ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन छात्रों को यहां से निकालने लगातार कोशिश कर रहा है। पर प्रर्याप्त मात्रा में बस नहीं रहने के कारण काफी दिक्कतें आ रही हैं।

उन्होंने बताया कि यहां बसों की संख्या काफी कम है और छात्रों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में टिकट का दाम भी काफी बढ़ा दिया गया है। शुभम ने यूक्रेन से कई तस्वीरें भेजीं है। इसमें उन्होंने बताया कि जैसे ही हॉस्टल के बाहर बस लगती है। छात्र अपने सामान को लेकर दौड़ पड़ते हैं। बस में बैठने के लिए लंबी लाइन लग रही है।

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यूक्रेन से ​​​​​​शुभम ने एक वीडियो भेजा है जिसमें उन्होंने अपना हॉस्टल दिखाया है। वीडियो के माध्यम से शुभम बताते हैं कि कैसी स्थिति है। वीडियो में वे बताते हैं कि पोलैंड के रास्ते यहां पर से फंसे नागरिकों को बाहर भेजा जा रहा है। बस को भी 10 किलोमीटर पहले रोक दिया जा रहा है। लोग 10 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद पोलैंड पहुंच रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि जल्द-से-जल्द उन लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला जाए

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शुभम ने बताया कि वो जिस हॉस्टल में रह रहे थे वहां से पोलैंड बॉर्डर की दूरी करीब 214 किलोमीटर थी। इसलिए उन्होंने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर एक कार भाड़े पर लिया और पोलैंड बॉर्डर की तरफ निकले। लेकिन युद्ध संकट की वजह काफी संख्या में लोगों के द्वारा यूक्रेन छोड़ने के कारण पोलैंड बॉर्डर की तरफ काफी लंबा जाम लग गया। जिसकी वजह से बॉर्डर से करीब 40 किलोमीटर पहले ही कार चालक ने उसे और उसके साथियों को उतार दिया।

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इसके बाद शुभम और उसके साथियों को पैदल ही बाकी की यात्रा करनी पड़ी। उनलोगों को -3 डिग्री सेल्सियस में भी पैदल यात्रा करना पड़ा। शुभम ने वीडियो बनाकर वहां के हालत दिखाए हैं कि किस तरह से भारी संख्या में लोग पैदल ही पोलैंड बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं। इस दौरान शुभम को अपने मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए जाम में फंसे कारों की मदद लेनी पड़ी।

बिहार के शुभम की तरह ही यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे बंगाल के बृजेश घोष को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बृजेश घोष और उसके साथियों को जरूरी राशन सामान के लिए तीन घंटे तक एक सुपरस्टोर के बाहर खड़ा रहना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद भी सिर्फ उन्हें अंडे और चावल ही मिल पाए। इतना ही नहीं इन छात्रों को पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है।


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