रूस ने यूक्रेन के हवाई क्षेत्रों और ईंधन सुविधाओं वाले स्थानों को लक्षित कर हमले शुरू कर दिए हैं। राजधानी कीव के एक बाहरी इलाके वासिल्किव में एक तेल डिपो को हमलाकर निशाना बनाया गया है। कीव के प्रशासन ने चेतावनी दी है कि डिपो में आग लग गई है और यहां से जहरीला धुआं निकल रहा है, इसलिए सभी लोग अपने घरों की खड़कियां बंद कर लें।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो सेंड किए गए हैं जिसमें तेल डिपो में लगी आग को देखा जा सकता है। वीडियो में बड़े पैमाने पर हवा में धुएं का गुबार दिखा रहा है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन राइट्स हाई कमिश्नर (OCHR) की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि अभी तक हमले में यूक्रेन के 240 लोग हताहत हुए हैं। इनमें से कम-से-कम 64 लोगों की जान गई है।
Russian missile strikes in Vasylkiv just south of Kyiv caused an enormous fire at an oil depot. Confirmed by city mayor and central government authorities who are advising people to close their windows because of toxic smoke. pic.twitter.com/dofjtSIenF
— Christopher Miller (@ChristopherJM) February 27, 2022
हालांकि, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने यूक्रेनियाई लोगों के लिए भारी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भेजने की बात कही है। लेकिन सवाल उठता है कि पश्चिमी देश ऐसा कब और कैसे करेंगे जब यूक्रेन के अधिकतर हवाई अड्डों और सेना स्थलों में रूसियों ने कब्जा किया हुआ है।

एपी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राजधानी कीव के दक्षिण में रविवार तड़के भारी विस्फोटों ने आसमान को रौशनी से भर दिया। शहर के मेयर के अनुसार, वासिलकिव में एक एयरबेस के पास एक तेल डिपो से सुबह होने से पहले आग की लपटें आसमान में फैल गईं, जहां भयंकर लड़ाई हुई। राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि सिविल जुलियानी एयरपोर्ट पर एक और विस्फोट हुआ।
जेलेंस्की के कार्यालय ने यह भी कहा कि रूसी सेना ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में एक गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया। जेलेंस्की ने कसम खाई, “हम अपने देश को आजाद कराने के लिए जब तक जरूरी हैं, तब तक लड़ते रहेंगे।”
भयभीत पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने अंदर और भूमिगत सुरक्षा की मांग की और सरकार ने लोगों को सड़कों से दूर रखने के लिए 39 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है। पोलैंड, मोल्डोवा और अन्य पड़ोसी देशों की ओर 150,000 से अधिक यूक्रेनियन नाागरिकों का विस्थापन हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि अगर लड़ाई बढ़ती है तो यह संख्या 4 मिलियन तक बढ़ सकती है।

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने बताया, “लगभग 1,16,000 लोगों ने अब तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की है। यह संख्या ऊपर जा सकती है और हर मिनट यह बदल रही है। हालत काफी अस्थिर हैं और हर घंटे बदल जा रहे हैं।”
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी सैनिकों के हाथ अपदस्थ किए जाने की आशंकाओं के बीच यूक्रेन के लोगों से दृढ़ रहने को कहा है। उन्होंने कहा है, “यूक्रेन का भविष्य तय हो रहा है।” राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन छोड़ कर जाने में अमेरिका की मदद लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि युद्ध उनके देश में हो रहा है और वे वहीं रहेंगे।
एक वीडियो में जेलेंस्की ने शनिवार को जारी कहा था कि कीव में रूस के हमलों का जवाब दिया जा रहा है और आनन फानन में राजधानी पर कब्जा करके कठपुतली सरकार बिठाने की रूसी कोशिश नाकाम हो गई है। यूक्रेनी अधिकारियों ने हमले को नाकाम करने में कुछ सफलता की बात कही है। हालांकि. उनका यह भी कहना है कि राजधानी के नजदीक लड़ाई अब भी जारी है। शहर के बाहरी हिस्से में झड़पें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि रूसी सेना की कुछ छोटी टुकड़ियां मुख्य दस्ते के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश में हैं।

अमेरिकी सेना के अधिकारियों का भी कहना है कि रूसी हमले का सामना काफी दृढ़ता से किया गया है और रूस ने जितनी आसानी से आगे बढ़ने के बारे में सोचा था उसकी तुलना में उनकी रफ्तार धीमी है। उधर, रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेज जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने शनिवार को दावा किया था कि हमला शुरू होने के बाद से अब तक यूक्रेन की 821 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। रूसे सेना के निशाने पर 87 टैंक और दूसरी चीजें आई हैं।
हालांकि, कोनाशेंकोव ने ये नहीं बताया कि इन हमलों में कितने लोगों की मौत हुई है। उनका दावा है कि रूसी सेना ने दक्षिणी शहर मेलिटोपॉल पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है। यह शहर अजोव सागर तट से करीब 35 किलोमीटर दूर है। उन्होंने ये भी कहा कि रूस समर्थित अलगवावदी डोनबास के इलाके में काफी आगे बढ़ गए हैं। रूस और यूक्रेन दोनों की ओर से किए जा रहे दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।

रूस का दावा है कि उसके हमले का लक्ष्य केवल यूक्रेन के सैन्य ठिकाने हैं पर हमलों में बहुत से आम लोगों की जान गई है जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं। वहीं, यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने शनिवार को बताया कि 198 लोगों की जान गई है और 1 हजार लोग रूस के हमले में घायल हुए हैं। उनके बयान से यह पता नहीं चल सका है कि इसमें कितने सैनिक और कितने आम नागरिक हैं।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को युद्ध रोकने के लिए बातचीत की उम्मीद बनी थी पर टूट गई। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि वह बातचीत के लिए बेलारूस में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार है। लेकिन बाद में वह अपने बयान से पीछे हट गया। इसके पीछे वजह ये बताई गई कि यूक्रेन बेलारूस की बजाय वारसॉ में बात करना चाहता है।
क्रेमलिन की तरफ से इसके बाद चर्चा बंद हो गई। रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के प्रस्ताव की गंभीरता को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जेलेंस्की को बातचीत के लिए पहले ही रजामंद हो जाना चाहिए था। हालांकि, शुक्रवार की रात जेलेंस्की के प्रवक्ता सर्गी निकिपोरोव ने फेसबुक पर लिखा कि दोनों पक्ष बातचीत के लिए जगह और समय तय करने पर चर्चा कर रहे हैं।
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