मीडिया और सरकार से दुनियाभर में जनता का भरोसा घटा: सर्वे

मीडिया और सरकार से दुनियाभर में जनता का भरोसा घटा: सर्वे

मीडिया का असल काम सरकार और जनता के बीच पुल की तरह काम करना है। लेकिन बीते कुछ समय में दोनों पर से जनता का विश्वास घटा है। अधिकतर देशों में मीडिया जनता के बताए सत्ता का पक्षकार बन गया है। दुनियाभर में कोरोना महामारी के दौरान मीडिया जिस तरह से बिजनेस चीफ और सरकारों से साथ रहा उसके बाद लोगों का उस पर से भरोसा घटा है।

यह बातें एक ग्लोबल सर्वे में सामने आई है। सर्वे के मुताबिक, आम लोगों को ऐसा लगता है कि मीडिया द्वारा उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। यह सर्वे एडलमैन के प्रतिष्ठित ट्रस्ट बैरोमीटर ने किया है। इस सर्वे के मुताबिक, 57 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार चलाने वाले नेता, कारोबारी और पत्रकार गलत जानकारी या अतिश्योक्ति फैला रहे हैं।

अगर लोगों की मीडिया हैबिट और वोटिंग पैटर्न के आधार पर सर्वे को देखें तो यह अमेरिका के समाज में हुए ध्रुवीकरण को भी बताता है। इसके साथ-साथ जो लोग सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं कोरोना वैक्सीन को लेकर उनमें ज्यादा हिचकिचाहट है।

ये भी पढ़ें: हरियाणा के 70 गांवों में BJP-JJP नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध, खट्टर को सरकार गिरने का डर

एडलमैन कम्युनिकेशन ग्रुप के रिचर्ड एडलमैन कहते हैं, “जिस तरीके की हिंसा यूएस कैपिटल में पिछले हफ्ते देखी गई और कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ एक तिहाई लोगों का इच्छुक होना जैसे संकेत बताते हैं कि गलत जानकारी के प्रसार का खतरा कितना बड़ा है।”

एडलमैन के हवाले से रॉयटर्स न्यूज एजेंसी ने एक आंकड़ा प्रकाशित किया है जिसके मुताबिक, “सर्वे में 27 देशों से जवाब देने वाले उत्तरदाताओं में महज 33 फीसदी ही ऐसे हैं जो कहते हैं कि वो कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्द-से-जल्द लगवा लेंगे। वहीं 31 फीसदी का कहना है कि वो एक साल के अंदर लगवाएंगे।

उल्लेखनीय है कि 19 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीत 33 हजार उत्तरदाताओं के बीच ये सर्वे कराया गया था। सर्वे के मुताबिक, सरकार पर भरोसे को लेकर अब तक की सर्वाधिक गिरावट आई है। जहां मई महीने में 65 फीसद लोगों ने सरकार पर भरोसा जताया था, वहीं साल का अंत आते-आते ये आंकड़ा घटकर 53 फीसद हो गया। सरकार के प्रति लोगों के विश्वास में साउथ कोरिया, ब्रिटेन और चीन में सबसे अधिक गिरावट आई है।

ये भी पढ़ें: ‘हैप्पी न्यू यू’ कैंपेन से जुड़ीं चंकी पांडे की बेटी अनन्या, लड़कियों की शिक्षा को लेकर कही ये बात

सर्वे में जनता का भरोसा मीडिया पर 2019 के बाद से लगातार गिरता दिखाई दिया है। पारंपरिक ( ट्रेडिशनल) मीडिया से जनता के भरोसे में 8 अंकों के साथ 53 फीसद की गिरावट आई है। हालांकि, जनता का भरोसा अब भी सोशल मीडिया की तुलना में पारंपरिक मीडिया पर अधिक है। सोशल मीडिया पर 5 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ 35 फीसद लोग ही सोशल मीडिया पर भरोसा अब करते हैं।

ज्यादातर लोगों का मानना है कि मीडिया का प्रदर्शन ऑब्जेक्टिव रहने के मामले में बेहद खराब रहा है। खासतौर पर एशिया में जापानी मीडिया, साउथ अमेरिका में अर्जेंटीना की मीडिया और यूरोप में इटली का मीडिया संस्थान अविश्वसनीयता के मामले में अव्वल हैं।

वहीं अमेरिका में बीते कुछ समय में यह ट्रेंड सामने आया है कि लोग अपने राजनीतिक झुकाव के आधार पर विश्वास या अविश्वास का प्रदर्शन कर रहे हैं। जो बाइडेन के वोटर्स में से 63 फीसद ने पत्रकारों पर भरोसा दिखाया। जबकि डोनाल्ड ट्रंप के केवल 21 फीसद समर्थकों ने मीडिया पर विश्वास जताया। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ट्रंप अपने कार्यकाल के एकलंबे समय तक मुख्यधारा के मीडिया पर फेक न्यूज का आरोप लगाते आए हैं।

ये भी पढ़ें: अमेरिकी सेना ने की ट्रंप की आलोचना, कहा- संविधान को बचाने के लिए उठाएंगे हर कदम

सर्वे में अधिकतर लोगों ने ये माना कि बिजनेस लीडर्स भी झूठ फैलाते हैं या अतिश्योक्ति फैलाते हैं। लेकिन इसके बावजूद लोगों ने बिजनेस लीडर्स पर सरकार और मीडिया के मुकाबले अधिक भरोसा दिखाया। 10 में से 9 उत्तरदाताओं ने कहा कि वो चाहते थे कि कंपनी के सीईओ महामारी के प्रभाव, श्रम और सामाजिक मुद्दों पर बोलें। वहीं दो तिहाई का यह भी मानना था कि अगर सरकार मुश्किलों का हल नहीं ढूंढ़ पाती है तो बिजनेस लीडर्स पर दारोमदार बनता है कि वह मार्चा संभालें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.