कुमार मुकुल की कविताएं: क्या है सुंदरता और ऐ-अरी-ओ एंजलीना

कुमार मुकुल की कविताएं: क्या है सुंदरता और ऐ-अरी-ओ एंजलीना

क्या है सुंदरता

क्या सुकरात सुंदर थे
या गांधी
मदाम क्यूरी क्या सुंदर थीं
आलोक दा से पूछा मैंने-
आखिर क्या है सुंदरता

पता नहीं, किस ट्रांस में जाकर
बोले वो-

”रानियाँ मिट गईं
जंग लगे टिन जितनी कीमत भी नहीं
रह गई उनकी याद की
रानियाँ मिट गई
लेकिन क्षितिज तक फसल काट रही औरतें
फसल काट रही हैं।”

ऐ-अरी-ओ एंजलीना- (1)

सुन्दरता (फोटो साभार- मोजारटो)

ऐ-अरी-ओ एंजलीना
मातृत्व का यह वैभव
और किसके पास है
ऐसे में अक्सर
अपनी आँखें ढके होती हो तुम

कि कितना सहज है सुंदर होना
कि कितना सुंदर है सहज होना

के कोई अभिनय
इसकी बराबरी
कैसे कर सकता है

के हर कोई
तुम्हारी गोद में आ
खेलना चाहे

तुम्हारी उंगलियां पकड़
चलने से
बड़ा सुख
क्या हो सकता है!

काश
कि यह दुनिया

ऐसी ही आबाद
और निर्बाध
हो पाती
जैसी
इन बच्चों की आँखों के
विस्फार और विस्मय में
दिखाई दे रही है।

ऐ-अरी-ओ एंजलीना- (2)

MISTERY (फोटो साभार- Artmajeur)

कुछ तस्वीरों में
तुम्हारे वक्ष
ग्लोब से
उभारे गए लगते हैं
पर उनमें तुम्हारा चेहरा
तुम्हारी आत्मा की सजलता
नहीं उभार पाता

ऐसी एक फोटू पर
तुमने लिखा भी है-
कभी-कभी मैं
ऑड और मपेट दिखती हूँ

चलो
अपनी बाबत
तुम्हें पता तो है!

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