कोविड-19 उछाल के बीच उत्पादन में आई गिरावट, बढ़ी बेरोजगारी और मंहगाई

कोविड-19 उछाल के बीच उत्पादन में आई गिरावट, बढ़ी बेरोजगारी और मंहगाई

कोविड-19 के चलते एकबार फिर अर्थव्यवस्था सुस्त होती दिख रही है। मैन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण इस साल फरवरी में लगातार दूसरे महीने औद्योगिक उत्पादन में 3.6 फीसदी की गिरावट देखी गई। फूड आइटम्स के दाम बढ़े हैं जिसके चलते खुदरा महंगाई की दर मार्च में बढ़कर 5.52 फीसदी हो गई। पिछले हफ्ते पहले ही भारत की बेरोजगारी दर 15 हफ्तों का ऊंचा स्तर छू चुकी है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सोमवार को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित आंकड़े जारी किए थे। जारी आंकड़ों के मुताबिक, आईआईपी में 77.63 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में फरवरी 2021 में 3.7 फीसदी की गिरावट देखी गई।

वहीं, खनन उत्पादन क्षेत्र में फरवरी 2021 में 5.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई। जबकि बिजली उत्पादन में मामूली तौर पर 0.1 फीसदी देखी गई। उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी महीने में आईआईपी में 5.2 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए 25 मार्च 2020 को देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगा दिया था।

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मार्च 2020 से ही औद्योगिक उत्पादन पर कोरोना महामारी का असर देखा जा रहा है। उस वक्त औद्योगिक क्षेत्र में 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके बाद अगस्त तक इसमें गिरावट बनी रही। सितंबर 2020 में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के साथ औद्योगिक उत्पादन में एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, अक्टूबर में 4.5 फीसदी की वृद्धि देखी गई। हालांकि, नवंबर में इसमें 1.6 फीसदी गिरावट आई। फिर दिसंबर में इसमें 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

इसके बाद आईआईपी आंकड़े को इस साल जनवरी में संशोधित किया गया जिसके अनुसार, इसमें 0.9 फीसदी की गिरावट देखी गई। जबकि मार्च 2021 में जारी आंकड़े में इसमें 1.6 प्रतिशत की गिरावट की बात कही गई थी। दूसरी तरफ निवेश का आईना माना जाने वाले पूंजीगत चीजों का उत्पादन फरवरी 2021 में 4.2 फीसदी घटा। जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 9.6 प्रतिशत की गिरावट रिकॉर्ड की गई थी।

फरवरी 2021 में टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में 6.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। जबकि फरवरी 2020 में इसमें 6.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं, फरवरी 2021 में गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के उत्पादन में 3.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 0.3 प्रतिशत घटा था।

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आईआईपी में 2020-21 की अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान 11.3 फीसदी की गिरावट देखी गई। जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

खुदरा महंगाई की दर मार्च में फूड आइटम्स के दाम बढ़ने से बढ़कर 5.52 फीसदी पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई इससे पिछले महीने फरवरी में 5.03 फीसदी पर थी। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, फूड आइटम्स की महंगाई दर मार्च में 4.94 फीसदी पर थी। जबकि इसके पिछले महीने यह 3.87 फीसदी थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जनवरी-मार्च 2020-21 की तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। आईबीआई के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में यह 5.2 फीसदी के स्तर पर रह सकती है।

खुदरा महंगाई दर जून से नवंबर, 2020 तक आरबीआई के चार फीसदी (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के टारगेट के ऊपरी स्तर छह फीसदी से ज्यादा रही थी। दिसंबर, 2020 में इसमें गिरावट आई थी। उसके बाद जनवरी, 2021 में यह और घटकर 4.1 फीसदी पर आ गई थी। हालांकि, फरवरी में खुदरा महंगाई पांच फीसदी हो गई।

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मौद्रिक नीति समीक्षा निर्धारित करते वक्त आरबीआई खुदरा महंगाई पर गौर करता है। महंगाई की चिंताओं के बीच आरबीआई ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की माने तो 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में भारत की बेरोजगारी दर 8.58 फीसदी पर पहुंच गई, जो 15 हफ्तों का ऊंचा स्तर था।

सीएमआईई के मुताबिक, बेरोजगारी दर में इस उछाल की वजह शहरी बेरोजगारी दर में 260 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी रही। इस बढ़ोतरी के साथ शहरी बेरोजगारी दर का आंकड़ा 9.81 फीसदी हो गया। दूसरी तरफ, ग्रामीण बेरोजगारी दर 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में घटकर 8 फीसदी पर पहुंच गई। जबकि उससे पिछले हफ्ते इसका आंकड़ा 8.58 फीसदी था।

भारत में एक बार फिर कोरोना संक्रमण में आए उछाल बीच कई राज्यों ने नई पाबंदियां लगाई हैं। अगर भविष्य में ऐसी पाबंदियां बनी रहती हैं तो देख की बेरोजगारी दर और तेजी से बढ़ेगा। दरअसल, देश में पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद बेरोजगारी दर 3 मई को खत्म हुए हफ्ते में 27.11 फीसदी की पीक तक पहुंच गई थी।


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