प्रियंका गांधी बोलीं- किसान कानून के केंद्र में किसान होगा भाजपा के अरबपति मित्र नहीं

प्रियंका गांधी बोलीं- किसान कानून के केंद्र में किसान होगा भाजपा के अरबपति मित्र नहीं

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोनल कर रहे हैं। किसानों से सरकार बात कर रही है। आज यानी कि गुरुवार को किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता होनी है। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज बातचीत में सरकार को किसानों को बात को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा।

प्रियंका ने लिखा, “भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं, आंदोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं, आंदोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं। लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।”

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क्या है किसानों की मांग?

किसानों और सरकार के बीच बातचीत का आज चौथा दौर होने वाला है। इसके लिए किसानों की पांच प्रमुख मांगे हैं। किसानों की सबसे पहली मांग है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। साथ ही इस बैठक में किसानों की ओर से यह भी कहा जाएगा कि केंद्र द्वारा कमेटी की पेशकश को मंजूर नहीं किया जाएगा।

किसानों की मांग है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी हमेशा लागू रहे और 21 फसलों को इसका लाभ मिले। मालूम हो कि फिलहाल किसानों को सिर्फ गेहूं, धान और कपास पर ही एमएसपी मिलती है।

किसानों की मांग है कि अगर कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले। साथ ही केंद्र नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करे।

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बताया जा रहा है कि किसानों ने कहा है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। बता दें कि कृषि कानूनों पर किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र के साथ वार्ता से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक चल रही है।

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