नई दिल्ली: किसानों के साथ सरकार के साथ बैठक शुरु हो चुकी है। यह बैठक फिर से दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहा है। किसानों के साथ सरकार का ये चौथा बैठक है। इसी बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भारत सरकार पर किसानों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए पद्म विभूषण लौटा दिया है। वहीं, अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटाने की बात कही है।
प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटाते हुए लिखा है, “मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।
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बादल ने आगे लिखा है कि जिस तरह का किसानों के साथ धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है। किसानों के आंदोलन को जिस तरह से गलत नजरिये से पेश किया जा रहा है, वो दर्दनाक है।
किसानों के साथ वार्ता शुरु होने से पहले आज गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ बैठक हुई थी। इससे पहले किसानों ने सरकार के सामने जो ड्राफ्ट भेजा था जिसमें उन्होंने कई प्रमुख मुद्दों को उठाया है। उनकी तरफ से सरकार के सामने छह मांगे रखी गईं हैं।
किसानों ने कहा है कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं। बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है। उन्होंने मांग की है कि वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को लेकर भी किसानों को एतराज है। डीजल की कीमत को आधा करने की भी किसानों ने सरकार के सामने मांग रखी है। और किसानों ने कहा है कि सरकार उन्हें एमएसपी पर लिखित में भरोसा दे।
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वहीं दूसरी तरफ सरकार संग वार्ता के लिए विज्ञान भवन पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानून में संशोधन को लेकर कहा कि हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी। सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएंगे। अभी चलकर सरकार से बात करेंगे। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कि वार्ता सार्थक होगी। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो किसान दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे।
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