नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज गुरुवार को चौथे दौर की बैठक होने वाली है। लेकिन इस वार्ता से पहले गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर पंजाब सरकार के आक्रामक रुख को देखते हुए ये बैठक हो रही है। दोनों के बीच चल रहे इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है।
उधर, इस मुलाकात की खबर आने के बाद एनडीए की सहयोगी रह चुकी और हाल ही में मोदी सरकार से खुद को अलग कर लेने वाली अकाली दल ने निशाना साधा है। पार्टी की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने किसानों के इस मुद्दे पर बीजेपी से सांठगांठ की है।
कौर ने ट्वीट कर कहा, “जब अध्यादेश पास किया गया तब कैप्टन एक इंच भी नहीं हिले और न ही जब किसान रेल की पटरियों पर बैठे तब और न ही उस समय जब किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस छोड़े गए। वे ठंड में दिल्ली की सड़कों पर बहादुरी से डटे हैं। लेकिन गृह मंत्री उन्हें बुलाते हैं तो वह दौड़कर जाते हैं। लेकिन मिलियन डॉलर का सवाल कि यह किसके हित के लिए है।”
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वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि तीनों किसान कानूनों को अगर केंद्र सरकार ने रद्द नहीं किया तो वे दिल्ली के रास्ते ब्लॉक कर देंगे। किसानों ने मांग की है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर तीनों कानूनों को रद्द करें। किसानों यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाए।
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गौरतलब है कि किसानों से चर्चा के दौरान मंगलवार की बैठक में सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा था लेकिन किसानों ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। किसान संगठनों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दें। एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि विशेषज्ञ भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे। मगर किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा था कि सरकार ऐसा करके इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है।
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