सूडान में बच्चों को कीचड़ खिलाने को मजबूर माँ-बाप, भुखमरी बन रहा हिंसक संघर्ष का सबब

सूडान में बच्चों को कीचड़ खिलाने को मजबूर माँ-बाप, भुखमरी बन रहा हिंसक संघर्ष का सबब

संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि हिंसक संघर्ष के जिम्मेदार चीजों में भुखमरी एक बड़ा कारण है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है, “हिंसक संघर्ष से भुखमरी के हालात पैदा होते हैं और भुखमरी हिंसक संघर्ष का सबब बन जाती है।”

सुरक्षा परिषद में गुटेरेश ने गुरुवार को हिंसक संघर्ष और खाद्य सुरक्षा के बीच सम्बन्ध पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हिंसक संघर्ष और खाद्य सुरक्षा दोनों ही समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और उन्हें अलग-अलग नहीं सुलझाया जा सकता।

हिंसक संघर्ष और भुखमरी

यूएन महासचिव ने कहा, “जब एक देश या क्षेत्र, हिंसक संघर्ष और भुखमरी में जकड़ता है तो वे एक-दूसरे को पोषित करते रहते हैं…और उनसे अलग-अलग नहीं निपटा जा सकता।” उन्होंने आगे कहा, “भुखमरी जब विषमता, जलवायु व्यवधान, जातीय एवं साम्प्रदायिक तनाव और संसाधनों पर कथित अन्याय-जनित भावनाओं से मिलती हो तो हिंसा व टकराव का सबब बन जाती है।”

सूडान में बच्चों को कीचड़ खिलाने को मजबूर माँ-बाप, भुखमरी बन रहा हिंसक संघर्ष का सबब

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एंतोनियो गुटेरेश ने स्पष्ट करते हुए कहा, “हिंसक संघर्ष के कारण लोगों को अपना घर, जमीन और रोजगार छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कृषि और व्यापार में व्यवधान आता है। जल और विद्युत जैसे अहम संसाधनों की सुलभता कम होती है और भुखमरी पैर पसार लेती है।”

दुनियाभर में साल 2020 के आखिर तक आठ करोड़ 80 लाख से अधिक लोग, हिंसक संघर्ष और अस्थिरता के कारण भुखमरी के शिकार हुए। इतना ही एक साल में इस संख्या में 20 फीसद की वृद्धि हुई है।

कोविड-19 और जलवायु प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने आशंका जताई कि साल 2021 के लिए अनुमान दर्शाते हैं कि यह भयावह रूझान जारी रह सकता है। सुरक्षा परिषद को उन्होंने सचेत किया कि हिंसक संघर्ष के कारण अनेक अकाल जैसी परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं, और कोविड-19 और जलवायु प्रभाव इसे और भड़का रहे हैं।

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उन्होंने कहा, “तत्काल कार्रवाई के अभाव में, लाखों लोग चरम भुखमरी व मौत के कगार पर पहुंच जाएंगे।” उन्होंने बताया कि तीन दर्जन से अधिक देशों में तीन करोड़ से ज्यादा लोग अकाल से महज एक कदम दूर हैं।

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अफगानिस्तान, यमन सहेल, हॉर्न ऑफ अफ्रीका और दक्षिण सूडान में मौजूदा हालात की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मानवीय राहत पहुंचाने में आई मुश्किलों से खाद्य असुरक्षा के खतरे पैदा हो रहे हैं।

भुखमरी और मौत

गुटेरेश ने आगे बताया कि खाद्य असुरक्षा के उच्चस्तर पर पहुंचने से पहले ही भुखमरी और मौत की शुरुआत हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अकाल की रोकथाम के लिए उच्चस्तरीय टास्क फोर्स गठन की घोषणा की है। इस टास्क फोर्स का नेतृत्व यूएन आपात राहत समन्वयक मार्क लोकॉक और विश्व खाद्य कार्यक्रम करेंगे।

सबसे अधिक प्रभावित देशों के लिए इस पहल के जरिए संगठित प्रयासों को मजबूती दी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के वेबसाइट के मुताबिक, तीन करोड़ से ज्यादा लोग पहले से ही आपात स्तर की गम्भीर खाद्य असुरक्षा के हालात का सामना कर रहे हैं।

सूडान में बच्चों को कीचड़ खिलाने को मजबूर माँ-बाप, भुखमरी बन रहा हिंसक संघर्ष का सबब

इसके अलावा विश्व खाद्य कार्यक्रम की ओर से जारी साढ़े पांच अरब डॉलर की अपील की गई है। गुटेरेश ने बताया कि युद्ध की एक रणनीति के तौर पर लोगों को भूखा रखा जाता है, और सीरिया, दक्षिण सूडान और म्यांमार में इस युद्धापराध को आजमाया जा चुका है।

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शांत और स्थिरता

उन्होंने सुरक्षा परिषद से इन क्रूरतापूर्ण कृत्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना का अपील किया और कहा कि दोषियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। भुखमरी से निपटे जाने को यूएन महासचिव ने शांत और स्थिरता की नींव करार दिया।

उन्होंने कहा, “अगर हमें किसी एक से भी निपटना है तो हमें भुखमरी व हिंसक संघर्ष, दोनों से निपटने की जरूरत है।” वहीं, दूसरी तरफ विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बीजली ने स्थिति और अधिक खराब होने की चेतावनी जारी की है।

सूडान में बच्चों को कीचड़ खिलाने को मजबूर माँ-बाप, भुखमरी बन रहा हिंसक संघर्ष का सबब

कीचड़ खिलाने को मजबूर

उन्होंने कहा, “हिंसक संघर्ष और अस्थिरता, अकाल की एक नई विध्वंसकारी लहर को ताकत दे रहा है जो दुनिया को अपनी चपेट में लेने को तैयार है।” डेविड ने आगे कहा, “हिंसा, भुखमरी और हताशा का चक्र, पहले से ज्यादा बड़ी संख्या में लोगों के लिए दुष्प्रभावों का सबब बन रहा है- आर्थिक बदहाली से सामूहिक प्रवासन और भुखमरी तक।” साढ़े पांच अरब डॉलर की जरूरत को दोहराते हुए उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों से से आग्रह किया कि वे उदारता दिखाएं और सहयोग के लिए आगे आए।

वहीं, यूएन प्रमुख ने बताया कि लोगों को यमन, सीरिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में विकट हालात का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से दक्षिण सूडान का उल्लेख किया जहां बताया गया है कि मजबूरी में बच्चों को कीचड़ खिलाया जा रहा है।

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