बिहार के सुपौल जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां एक ही परिवार के पांच लोगों का शव फंदे से लटका पाया गया। पाए गए शव में माता, पिता और तीन बच्चे शामिल हैं। बताया जा रहा है कि परिवार आर्थिक तंगी से परेशान चल रहा था। लोगों का मानना है कि आर्थिक तंगी के चलते परिवार ने आत्महत्या की होगी। हालांकि, मामले की पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।
खबरों के मुताबिक, राघोपुर पंचायत के गद्दी वार्ड 12 के मिश्री लाल साह (50) के घर जब तेज गंध आई को उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय मुखिया को दी। इसका बाद मोहम्मद तस्लीम मुखिया समेत दूसरे लोग घर के दरवाजे पर लगे ताले को तोड़कर अंदर घुसे।

घर का एक कमरा भीतर से भी बंद था। खिड़की से लोगों ने अंदर देखा तो दंग रह गए। मिश्री लाल शाह, उनकी पत्नी रेणु देवी (45), दो नाबालिग बेटी और एक बेटा का शव रस्सी के फंदे से लटक रहा था। इसके बाद मुखिया और दूसरे लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।
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इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचकर एसपी मनोज कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी सह-थानाध्यक्ष सुशांत कुमार चंचल मामले का जायजा लिया। इलके अलावा डीएसपी रामानंद कौशल पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
पुलिस प्रथमदृष्टया इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला मानकर चल रही है। हालांकि, पुलिस अभी कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस का कहना है कि घटना खुदकुशी है या कुछ और यह जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।
Bihar: Five members of a family died allegedly by suicide in Supaul
— ANI (@ANI) March 13, 2021
“Forensic Science Laboratory team will investigate the site and we will conduct a detailed investigation, ” said police yesterday pic.twitter.com/DHxNFd03je
गांववालों का कहना है कि मिश्री लाल का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले शनिवार को आखिरी बार परिवार के लोगों को देखा गया था। उसके बाद से कोई नजर नहीं आ रहा था।
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ग्रामीणों ने बताया कि परिवार काफी दिनों से आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। यही वजह है कि गुजर बसर करने के लिए मिश्री लाल साह ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी थी। यह परिवार कुछ दिनों से कोयला बेचकर गुजारा कर रहा था। लेकिन लाॅकडाउन के कारण वह भी ठप्प हो गया था।
पड़ोसियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से परिवार ग्रामीणों से अलग-थलग रहने लगा था। लोगों से मेल मिलाप भी परिवार ने एकदम कम कर दिया था। लोगों ने भी उनकी खोज-खबर लेनी छोड़ दी थी।
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