शहाबुद्दीन के लिए मैदान में उतरे ओवैसी, कहा- मय्यत को परिवार के हवाले किया जाए

शहाबुद्दीन के लिए मैदान में उतरे ओवैसी, कहा- मय्यत को परिवार के हवाले किया जाए

बिहार के सीवान से पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के मौत बाद भी सियासत जारी है। प्रशासन पर आरोप है कि वह परिवारवालों को उनका शव नहीं सौप रही है। परिजन चाहते हैं कि शहाबुद्दीन को उनके गांव के कब्रिस्तान में दफ्न किया जाए पर प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं है। इसके लिए पूर्व सांसद का परिवार अदालत का चक्कर काट रहा है।

दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर शहाबुद्दीन के कथित तौर पर कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर भी बवाल मचा हुआ है। JusticeForShahabuddin ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा हैष पिछले दिनों परिजनों ने भी आरोप लगाए थे कि शहाबुद्दीन के बैरक में एक पाकिस्तानी आतंकी को शिफ्त किया गया जो कोविड पॉजिटिव था। उसके बाद शहाबुद्दीन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

हालांकि, कुछ लोगों का आरोप है कि पूर्व सांसद की आरटीपीसीआर रिपोट निगेटिव आई थी जिसके बावजूद शहाबुद्दीन को कोरोना पॉजिटिव कहकर अस्पताल में भर्ती किया गया और मौत हो गई। दूसरे लोगों की तरह बिहार जाप पार्टी प्रमूख राजेश रंजन उर्फ पप्पू ने भी शहाबुद्दीन के मौत को सिस्टम द्वारा हत्या करार दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में 28 अप्रैल को शहाबुद्दीन के वकीलों, सलमान खुर्शीद और रणधीर कुमार ने अपनी एक याचिका लगाई थी। याचिका में उन्होंने कहा था, “एक अन्य कैदी के कोविड पॉजिटिव होने के बावजूद जेल अधिकारियों ने आवेदक (शहाबुद्दीन) को उसी सेल में रखा, जबकि उन्हें इस बीमारी के घातक होने की बात पता थी। जेल अधिकारियों ने कोई अलग इंतजाम नहीं किया और कई बार आग्रह करने के बावजूद, उन्हें उसी कोविड मरीज के साथ उसी सेल में रखा गया, और जेल अधिकारियों ने इस तरह याचिकाकर्ता का जीवन खतरे में डाल दिया।”

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शहाबुद्दीन के लिए मैदान में उतरे ओवैसी, कहा- मय्यत को परिवार के हवाले किया जाए

इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पूर्व सांसद के शव को परिजनों के हवाले करने की अपील की है।

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मरहूम शहाबुद्दीन साहब के घर वाले उनकी तदफीन सीवान में करना चाहते हैं। लेकिन अधिकारी इसकी इजाजत नहीं दे रहे हैं और उनकी मय्यत को घरवालों के हवाले नहीं कर रहे हैं।”

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, “शहाबुद्दीन साहब का ठीक से इलाज नहीं हुआ, उन्हें एक कोविड मरीज के साथ ही रखा गया। अमित शाह, कम-से-कम उनके गमज़दा घरवालों को विदाई अपने हिसाब से करने से नहीं रोकना चाहिए। जाहिर-सी बात है कि वे भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।”

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ओवैसी के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने पीएमओ को टैग कर ट्वीट किया है, “मरहूम शहाबुद्दीन साहब का एक तो ठीक से इलाज नहीं किया गया था और जब उनके घर वाले उनकी तदफ़ीन सिवान में करना चाहते हैं तो इसकी इजाजत नहीं दे रहे हैं और न ही उनकी मय्यत उनके घर वालों के हवाले किया जा रहा है। केंद्र सरकार से मेरी गुज़ारिश है कि उनके परिवार वालों की मदद करें। @PMOIndia”

वहीं, गोपालगंज पूर्व राजद विधायक रेयाजुल हक राजू ने भी शहाबुद्दीन के मौत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “बड़े भाई जनाब डॉ. शहाबुद्दीन साहब की असामयिक मौत नहीं हुई बल्कि उनकी हत्या की गई है, इस हत्या में तिहाड़ जेल प्रशासन और दीनदयाल अस्पताल की भूमिका संदिग्ध है। हम केंद्र सरकार, केजरीवाल और नीतीश कुमार से मांग करते हैं कि इस पूरे मामले में जाँच की जाए। #JusticeForShahabuddin”

इससे पहले शहाबुद्दीन की छोटी बेटी तसनीम शहाब ने ट्वीट कर अपने पिता की हत्या किए जाए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था, “मेरे पिता डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन की हत्या तिहाड़ जेल के डीजी और उनके आकाओं ने की है।” हालांकि, उनका ट्वीट अब उनके वॉल पर नजर नहीं आ रहा है।

शहाबुद्दीन के लिए मैदान में उतरे ओवैसी, कहा- मय्यत को परिवार के हवाले किया जाए

समस्तीपुर के विधायक और आरजेडी के नेता अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने सीवान के पूर्व सांसद के मौत को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शाहीन ने वीडियो जारी कर कहा है कि एक साजिश के तहत शहाबुद्दीन की हत्या की गई है। उन्होंने जेल प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं।

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उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी मोहम्मद शहाबुद्दीन का बेहतर इलाज करवाने के लिए कहा था। कहीं-न-कहीं इसके पीछे कोई साजिश रची गई है। उन्होंने भी शहाबुद्दीन की कोरोना से हुई मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की भी मांग की है। बता दें कि जीतनराम मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने सबसे पहले शहाबुद्दीन की मौत पर सवाल उठाए थे।

उल्लेखनीय है कि सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन हत्या के मामले में बीते लंबे कई सालों से सजा काट रहे थे। वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। जेल प्रशासन के मुताबिक, शहाबुद्दीन को 20 अप्रैल को तब अस्पताल ले जाया गया था, जब उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन 1 मई को उनकी मौत की खबर आई।


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