आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 14 मरीजों की मौत, प्रशासन नकारने में जुटा

आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 14 मरीजों की मौत, प्रशासन नकारने में जुटा

ऑक्सीजन की किल्ल्त के चलते मरीजों के मौत का सिलसिला रूकने का नाम नहीं रहा है। कल दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से करीब एक दर्जन मरीजों की मौत हो गई थी। आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल में कल ही, यानी शनिवार को 14 और कोरोना मरीजों के मौत हो गई।

खबरों के मुताबिक, ऑक्सीजन की कमी की वजह से इन सभी मरीजों की जान गई। हालांकि, प्रशासन ने इसे हर बार की तरह अफवाह बता रहा है और मामले को खारिज कर रहा है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने कोरोना मरीजों की मौत के बाद अस्पताल का दौरा भी किया। उन्होंने इसके बाद कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर अफवाह फैलाने वालों का पता लगाया जा रहा है।

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दरअसल, यह घटना आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के सरकारी अस्पताल में पेश आई। मामले के सम्बंध में ज्वॉइंट कलेक्टर निशांत कुमार ने बताया, “हमारी टीम ने ऑक्सीजन प्लांट की जांच की है। हमने वार्ड का दौरा भी किया और हर लाइन और वॉल्व की अच्छी तरह से जांच की। वहां कोई लीकेज नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट का प्रेशर भी सही है। सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं है।”

आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 14 मरीजों की मौत, प्रशासन नकारने में जुटा

उन्होंने आगे कहा, “आज हुई मौतों का ऑक्सीजन से कोई कनेक्शन नहीं है। आज कुल 15 मौतें हुई हैं। जितने लोगों की मौत हुई है, उनकी सभी की उम्र ज्यादा थी और उन्हें पहले से ही गंभीर बीमारियां थीं। इसलिए ये मौतें ऑक्सीजन की वजह से नहीं हुई है।”

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उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “हमने पर्सनली चेक किया है। ये सही नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी से ये मौतें हुई हैं। दुर्भाग्य से ये बात सही है कि मौतों की संख्या ज्यादा है, लेकिन ये ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं है। जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर को डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्ल्म्स और कार्डियक अरेस्ट जैसी शिकायते थीं।”

वही, दूसरी तरफ जिला कलेक्टर गंधम चंद्रूडू ने कहा, “शनिवार सुबह एक वीडियो बनाया गया। इसके साथ जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया। मेरे पास ऐसे कई मैसेज हैं। कुछ लोगों ने जानबूझकर डर का माहौल बनाने के मकसद से ऐसा किया और इसे बड़ा इशू बनाने की कोशिश की। हमने इसकी जांच कर रहे हैं। जो भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 20 दिन पहले पूरे ऑक्सीजन पाइपलाइन सिस्टम की जांच एपीएमएसआईडीसी (APMSIDC)ने की थी और इसे सही बताया था। फायर सेफ्टी की सावधानी भी बरती जा रही है।”


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