गांधीजी की पुण्यतिथि पर एक दिन का उपवास, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आना जारी

गांधीजी की पुण्यतिथि पर एक दिन का उपवास, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आना जारी

आज किसान आंदोलन का 66वां दिन है। कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसान आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर सद्भावना दिवस मना रहे हैं। किसानों ने इसके साथ आज उपवास रखने का भी फैसला किया है। कल शुक्रवार को किसान संगठनों ने कहा था कि तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मनाएंगे और दिनभर उपवास रखेंगे।

ट्रैक्टर रैली बाद बैकफुट आए किसान रैली में फिर से रौनक लौटने लगी है। सिंघु बॉर्डर के साथ ही अब गाजीपुर भी आंदोलन का बड़ा केंद्र बनता नजर आ रहा है। अब धीरे-धीरे आंदोलन उत्तर प्रदेश की ओर शिफ्त होता जा रहा है। मुजफ्फरनगर में कल हुए महापंचायत के बाद फिर से किसानों का जमावड़ा गाजीपुर बॉर्डर बढ़ रहा है।

बताया जा रहा है कि आज के हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर की ओर कूच करेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में शुक्रवार को महापंचायत किया गया था। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत बड़े और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसानों से आज शनिवार को दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था।

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धरना रहेगा जारी

उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर दिया जा रहा धरना जारी रहेगा। शनिवार से किसान धरने में शामिल होकर आंदोलन को मजबूती देंगे। उन्होंने पंचायत में कहा, “किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसान दिल्ली जाएं और आंदोलन को मजबूत बनाएं। जिसे गाजीपुर बॉर्डर जाना है, वह कल जा सकता है।”

नरेश टिकैत ने आगे कहा, “किसानों का आन्दोलन की मांगे पूरी होने तह जारी रहेगा। दिल्ली की घटना से किसान के सम्मान को ठेस पहुंची है। समय-समय पर सभी लोगों ने आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता का परिचय दिया है। जयन्त चौधरी के साथ हुए हाथरस व 2002 की विशाल जनसभा आदि इसके उदाहरण है।”

उन्होंने कहा, “हमें भाजपा विधायक नंदकिशोर के व्यवहार का बुरा नहीं मानना चाहिए। आज उन्हीं की वजह इस आंदोलन को संजीवनी मिली है।” महापंचायत में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जयन्त चौधरी और कांग्रेस के कई नेता भी शामिल हुए।

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जयन्त चौधरी का संबोधन

जयन्त चौधरी ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा, “यह संकट की घड़ी है और इस घड़ी में हम सबको एकजुटता का परिचय देना होगा। यहां मौजूद आप सभी बुजुर्ग अच्छी तरह से जानते है कि चौधरी चरण सिंह गरीब व किसानों के नेता थे तथा वो हमेशा गरीब किसान के हितों की बात करते थे। यदि किसान मायूस होगा तो देश तबाह हो जाएगा।”

उन्होंने इसके आगे कहा, “आप सबको मालूम है कि जब वे हाथरस प्रकरण पर पीड़ित पक्ष से मिलने व उसे न्याय दिलाने की मंशा से वहां पहुंचे तो उन पर लाठियां फटकारी गई। यह हम सबके अस्तित्व की लड़ाई है। यह लड़ाई अभी लम्बी लड़ी जानी है।”

वहीं, दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने शुक्रवार को किसानों और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “सिर्फ 40 सेकंड में आंदोलन दोबारा शुरू हुआ। कल दंगों से भी खतरनाक स्थिति थी। मैंने कभी बीजेपी को वोट दिया था, बीजेपी के लोगों मदद की। कल लोगों का मोरल डाउन था लेकिन हमारा आंदोलन शांति पूर्ण रहेगा।”

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विर्क खुर्द पंचायत का फरमान

दूसरी तरफ पंजाब के बठिंडा के विर्क खुर्द गांव की पंचायत ने एक बड़ा फरमान जारी कर कहा है कि हर घर से एक आदमी आंदोलन के लिए जाएगा। पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित किया कि प्रत्येक घर का एक आदमी 7 दिनों के लिए दिल्ली धरने पर जाएगा। आदेश का पालन अगर कोई नहीं करता है, तो उस पर 1,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इतना ही नहीं ये भी कहा गया है कि अगर किसी ने पंचायत नाफर्मानी की तो गांव में उनका बहिष्कार किया जाएगा। पंचायत ने ये भी फैसला सुनाया है कि अगर दिल्ली में किसी के वाहन या दूसरी कोई भी नुकसान होता है तो पूरा गांव मिलकर उसकी जिम्मेदारी उठाए और उसके लिए भागीदार होगा। यह सब ग्राम पंचायत द्वारा लेटर पैड पर प्रस्ताव लिखकर घोषित किया गया है।

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