प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। लेकिन अब ये आम लोगों के जीवन के लिए काल बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर को लगातार चार सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना जाता रहा है। पर न जाने स्वच्छता के पीछे कितने लोगों का घर उजड़ा है और उजड़ेगा, ये किसी को नहीं मालूम। इंदौर का कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि नगरपालिका के कर्मी अनाथ बुजुर्गों और असहायों को शहर के बाहर ले जाकर फेंक कर रहे हैं।
शुक्रवार को वायरल हुए वीडियों में देखा जा सकता है कि नगर निगम के कर्मी कमजोर-बेसहारा बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर छोड़ रहे हैं। वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी एक बुजुर्ग कमजोर महिला और एक पुरुष बुजुर्ग को गाड़ी में बैठाते और उतारते हुए दिख रहे हैं। गाड़ी में कुछ और बुजुर्ग और उनका सामान नजर आ रहा है। वीडियो शिप्रा के आसपास का बताया जा रहा है।
आवारा पशुओं को जंगल में छोड़ते सुना था,
— MP Congress (@INCMP) January 29, 2021
—शिवराज ने बुज़ुर्गों को दूर फेंकने का दुष्कृत्य किया है।
शिवराज जी,
विधायक ख़रीदकर संवेदना नीलाम कर दी..?
“शर्म करो शवराज” pic.twitter.com/F6wxw96ABI
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वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि एक बुजुर्ग महिला गंदे कपड़ों में हैं और उनको सीधे बैठने तक में मुश्किल हो रही है। हालांकि, गांव के लोग महिला को संभालते हुए नगरपालिका कर्मियों से उन्हें वापस ले जाने की बहस करते दिख रहे हैं। एक वीडियो में तो एक व्यक्ति यह भी बताता दिख रहा है कि कैसे नगरपालिका की टीम लोगों को ट्रक में भरकर लाई और उन्हें सड़क के किनारे छोड़ दिया।
In India's cleanest city team of Indore Municipal Corporation dumped aged destitutes on outskirts, later when villagers opposed lugged them back on truck, 2 officials suspended one transferred @ndtv @soniandtv @Suparna_Singh @manishndtv @vinodkapri @rohini_sgh @GargiRawat pic.twitter.com/mLAWc0Pdcd
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 29, 2021
वायरल हुए एक और वीडियो में दिख रहा है कि वही नगरपालिका का ट्रक गांववालों के विरोध-प्रदर्शन के बाद बुजुर्गों को वापस ले जाने के लिए भी आया है। हालांकि, इंदौर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के एडिशनल कमिश्नर अभय राजनगांवकर का कहना है कि अनाथ बुजुर्गों को नगरपालिका के कर्मी नाइट शेल्टर ले जा रहे थे और उन्हें कहीं छोड़ के नहीं जा रहे थे।
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बॉलीवुड प्रोड्यूसर और डायरेक्टर संजय गुप्ता ने भी इस घटना पर कड़ा आपत्ति जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है, “यदि राज्य अपने बुजुर्गों की देखभाल नहीं कर सकता, तो कम-से-कम उन्हें इस तरह अपमानित न करें। और हम हमेशा की तरह मूक दर्शक बने हुए हैं। हमें शर्म आनी चाहिए।”
If the state can't provide for its elderly at least do not humiliate them like this.
— Sanjay Gupta (@_SanjayGupta) January 30, 2021
And we remain silent spectators as usual!!!
Shame on us. https://t.co/gcRK02wSQ5
हालांकि, किरकिरी होने के बाद शिवराज सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो में दिख रहे लोगों को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को बुजुर्गों का ख्याल रखने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर समेत दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।
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वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। तंज कसते हुए कांग्रेस ने इसकी तुलना भाजपा में वरिष्ठ नेताओं- लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को किनारे लगाए जाने से की है। जैसा कि मालूम है मोदी के सत्ता में आने के बाद आडवाणी और जोशी को सक्रिय राजनीति से अलग कर दिया गया था और उन्हें भाजपा के मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा बना दिया गया था।
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