राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से आपराधिक खिलवाड़ की जा रही है क्योंकि मोदी सरकार के पास कोई स्ट्रैटेजी नहीं है और Mr 56 इंच डर गए हैं।”
राहुल गांधी ने आगे लिखा , “मेरी संवेदनाएँ उन जवानों के साथ हैं जो अपनी जान पर खेलकर हमारे बॉर्डर की रक्षा कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार झूठ पे झूठ बोल रही है।” उनका ये बयान मीडिया में अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से एक गांव बसाने की खबरों के बाद आया है।
हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से आपराधिक खिलवाड़ की जा रही है क्योंकि मोदी सरकार के पास कोई स्ट्रैटेजी नहीं है और Mr 56 इंच डर गए हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 12, 2021
मेरी संवेदनाएँ उन जवानों के साथ हैं जो अपनी जान पर खेलकर हमारे बॉर्डर की रक्षा कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार झूठ पे झूठ बोल रही है।
दरअसल, भारत सरकार ने गुरुवार को कहा था कि वह किसी भी कीमत पर न तो चीन के ‘अवैध’ कब्जा और न ही सीमा को लेकर उसके ‘अनुचित’ दावों को स्वीकार करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सीमावर्ती क्षेत्रों में, विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश में, चीन के निर्माण (विवादित इलाक़े में बना 100 घरों वाले गांव ) से जुड़ी रिपोर्ट्स पर सवालों के जवाब में यह बात कही थी।
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बागची ने कहा कि भारत ने राजनयिक स्तर पर पूरी मज़बूती के साथ इस तरह की गतिविधियों के प्रति अपना विरोध दर्ज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन ने पिछले कई सालों में सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में भी निर्माण किया जहां उसने दशकों से कब्जा कर रखा है।

उन्होंने कहा कि भारत न तो इस तरह के किसी कब्जे को स्वीकार करता है और न ही चीन के अनुचित दावों को। वहीं, आज दूसरी तरफ बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान भारत का नंबर वन दुश्मन नहीं बल्कि चीन है।
उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत का प्राथमिक फोकस डी-एस्केलेशन से पहले विघटन है क्योंकि चीन हमारा नंबर एक दुश्मन है, न कि पाकिस्तान। उन्होंने कहा कि भारत को आने वाले समय में दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना करना पड़ सकता है।
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वहीं, रावत ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर गांव बसाने की खबरों पर कहा कि चीनी सेना ने पुरानी संरचना पर नया ढांचा बनाया है। वो अपनी सीमा क्षेत्र का विकास कर रहे हैं। आज लोगों को सैटेलाइट एवं गूगल के जरिए तस्वीरें मिल रही हैं। इस तरह की तस्वीरें पहले नहीं मिलती थीं। किसी तस्वीर के सामने आने से कब्जे की बात सामने आ जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि चीनी सेना सीमा पर विकास कर रही है तो भारत भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और उसके आसपास के क्षेत्रों में विकास कर रहा है। हम एलएसी के आस-पास पहले सड़कों का निर्माण नहीं करते थे। लोगों में भय था कि निर्माण करने से चीनी सैनिक आकर इसे तोड़ देंगे लेकिन अब ऐसा नहीं है।
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जनरल रावत ने कहा कि भारत और चीन सैनिकों के बीच गलवान घाटी की घटना के बाद कई बार आमना-सामना हुआ। दोनों देशों की कोशिश है कि सैनिकों को इतने करीब आने से रोका जाए। हमारी कोशिश है कि दोनों देश की सेनाएं अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति में आ जाएं।
फिर उन्होंने उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया धीमी चल रही है। इसमें लगने वाले समय के चलते चीन ने एलएसी के अंदरूनी भागों में स्थाई ढांचे बनाए हैं।
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