अब तक आंदोलन के दौरान 20 किसानों की मौत, 20 दिसंबर को दिया जाएगा श्रद्धांजलि

अब तक आंदोलन के दौरान 20 किसानों की मौत, 20 दिसंबर को दिया जाएगा श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ देशभर किसान सड़कों पर हैं। आज उनके विरोध-प्रदर्शन के 21वां दिन हैं। बुधवार को किसानों ने चेतावनी दी कि वे दिल्ली-नोएडा सड़क वाले चिल्ली बॉर्डर को पूरी तरह से बंद कर करेंगे। उनका कहना है कि वे आंदोलन को और विशाल बनाएंगे।

इसी बीच किसानों ने उन किसानों के लिए एक दिन के शोक की घोषणा की जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपनी जान गवाईं। किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार में समुदाय के लिए सहानुभूति में कमी है। किसानों के 35 संगठनों ने कहा है कि 26 नवंबर से शुरू हुए किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 20 किसानों के लिए रविवार को देशभर के गांवों में शोक मनाया जाएगा।

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किसान नेता इंद्रजीत दीघे ने कहा, “आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा। 150 टोल प्लाजा को किसानों ने‘मुक्त’ कराया।

भारतीय किसान यूनियन (सिद्धपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने बताया, “26 नवंबर से शुरू हुए इस आंदोलन के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई है। हम देश के सभी गांवों में 20 दिसंबर को इस दौरान शहीद हुए सभी किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। जब उनके नाम और तस्वीरें गांवों में पहुंचेगी तो हमारे संघर्ष में जुड़ने के लिए और लोग सामने आएंगे।”

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पंजाब के मोहाली और पटियाला जिलों में और उसके आसपास दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मंगलवार को चार किसानों की मौत हो गई। मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर इन किसानों की मौत का मामला चर्चा का विषय बना रहा, जहां गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के किसान भी आंदोलन में शामिल होने पहुंचे।

किसान संगठनों ने मंगलवार को अपनी योजनाओं की घोषणा की। वहीं दूसरी कल दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों और विपक्ष पर आरोप लगाया कि किसान संगठन और कभी खुद ही इन कानूनों की मांग करने वाला विपक्ष किसानों को भ्रमित कर रहा है। किसानों ने इसकी प्रतिक्रिया में सरकार पर किसान समुदाय के लिए सहानुभूति की कमी होने का आरोप लगाया।

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ये भी किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र पर उनके बनाए दबाव का ही नतीजा है कि संसद के शीतकालीन सत्र को सरकार ने रद्द करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सत्र रद्द कर सरकार विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है। भारतीय किसान संघ के महासचिव युधवीर सिंह सेहरावत ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री को चुनकर उन्हें बोलने की शक्ति दी और पिछले 20 दिनों में अब तक उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं कहा।”

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