बिहार में चोर दरवाजे से NRC लागू कर रही है नीतीश सरकार: ओवैसी

बिहार में चोर दरवाजे से NRC लागू कर रही है नीतीश सरकार: ओवैसी

तमिलनाडु विधानसभा में बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि धर्म नागरिकता प्राप्त करने का आधार नहीं है और धार्मिक आधार पर कोई कानून नहीं लाया जा सकता है।

उन्होंने ये भी कहा कि सीएए श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शरणार्थियों को इंसानों की तरह देखा जाना चाहिए और क्या ऐसे कानून की जरूरत है, जब लोग सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हों।

वहीं, दूसरी तरफ भाजपा विधायक नैनार नागेंद्रन ने सरकार की ओर ले लाए प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि कानून भारत में रहने वाले मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। वह और भाजपा के अन्य विधायक सदन से बाहर चले गए।

बिहार में चोर दरवाजे से NRC लागू कर रही है नीतीश सरकार: ओवैसी

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उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनआरसी को लेकर बिहार के नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मंगलवार ट्वीट कर कहा कि बिहार में चोर दरवाजे से भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जा रहा है।

ओवैसी ने किशनगंज के जिला दंडाधिकारी कार्यालय का एक पत्र शेयर करते हुए लिखा, “बिहार सरकार चोर-दरवाज़े से बिहार में NRC लागू कर रही है। अधिकारी आम लोगों से कह रहे हैं कि वो आस-पास रहने वाले ‘विदेशी नागरिक’ और ‘अवैध प्रवासियों’ की सूचना नज़दीकी पुलिस स्टेशन को दें। असम में भी ऐसे ही क़ानूनी कार्रवाई का दुरूपयोग बड़े पैमाने पर हुए हैं।”

उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, “कई बा-इज़्ज़त भारतीयों पर झूठे मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं जिससे लोगों को बहुत ही ज़्यादा मुश्किलात का सामना करना पड़ा है। संघ परिवार के लोग कई सालों से इस झूठ को फैला रहे हैं कि सीमांचल के ग़य्यूर अवाम घुसपैठिए हैं, इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है।”

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ओवैसी ने आगे लिखा, “फिर भी इस झूठ की बुनियाद पर कई तंज़ीमें एक मंसूबा-बंद तरीक़े से बिहारियों और ख़ास कर सीमांचल के लोगों की शहरियत को निशाना बनाएंगे। नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान कहा था कि कोई किसी को देश के बाहर नहीं करेगा, सब भारत के हैं; तो फिर चोर-दरवाज़े वाला NRC क्यों लागू किया जा रहा है।”

एक और ट्वीट में ओवैसी ने लिखा, “याद रखिये! ऐसी नीति सिर्फ और सिर्फ समाज में मतभेद, शक और दुश्मनी फैलाने की वजह बनेगी। समाज में अमन को मज़बूत करने के बजाय सरकार उसे कमज़ोर करने में लगी है।”

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उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2019 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन कर धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता प्रदान करने की बात कही है।


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