करनाल सचिवालय के सामने किसानों ने डाला पक्का तंबू, राहुल गांधी बोले- हर-हर अन्नदाता, घर-घर अन्नदाता

करनाल सचिवालय के सामने किसानों ने डाला पक्का तंबू, राहुल गांधी बोले- हर-हर अन्नदाता, घर-घर अन्नदाता

हरियाणा के करनाल महापंचायत के बाद किसानों ने मिनी सचिवालय को पूरी तरह से घेर लिया है। बीते दिनों किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान काफी गुस्से में हैं और दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। कल किसानों ने महापंचायत किया और उसके बाद सचिवालय को आ घेरा।

वहीं, खट्टर सरकार लाख आलोचनाओं के बावजूद दोषी अधिकारियों के समर्थन में घड़ी है। लेकिन जिस तरह से किसानों ने रणनीति अपनाई है खट्टर सरकार के बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। क्योंकि किसान नेताओं ने करनाल सचिवालय में ही डेरा जमा लिया है। रातभर किसान सचिवालय के बाह डटे रहे। बताया जा रहा है कि जब तक मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक हजार की तादाद में किसान वहीं डटे रहेंगे।

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करनाल सचिवालय के सामने किसानों डाला पक्का तंबू, राहुल गांधी बोले- हर-हर अन्नदाता, घर-घर अन्नदाता

उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। ट्विटर पर उन्होंने किसानों की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, “जहां हर-हर अन्नदाता, घर-घर अन्नदाता, वहां किस-किस को रोकोगे?”

राहुल गांधी ने इससे पहले भी किसानों को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, “डटा है, निडर है, इधर है, भारत भाग्य विधाता!” जबकि उन्होंने रविवार को किए ट्वीट में लिखा था, “गूंज रही है सत्य की पुकार, तुम्हें सुनना होगा, अन्यायी सरकार! #मुज़फ्फरनगर किसान महापंचायत।”

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उल्लेखनीय है कि किसानों की करनाल में एक विशाल महापंचायत हुई, जिसमें भारी भीड़ उमड़ आई। सभी ने मिलकर कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाई करो! उसके बाद मिनी सचिवालय का घेराव कर लिया।

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लेकिन, घेराव से पहले हरियाणा सरकार ने 11 सदस्यीय कमेटी को किसानों से बातचीत के लिए भेजा, मगर किसानों और सरकार की बाचतीच नाकाम रही। इसके बाद हजारों की संख्या में किसान मिनी सचिवालय की ओर बढ़े और घेराव किया। फिलहाल, किसानों ने सचिवालय के बाहर पक्का तंबू लगाना शुरू कर दिया है। इसका मतलब साफ है लड़ाई मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगी।

किसानों का साफ कहना है कि पहले अधिकारियों को बर्खास्त करो फिर उसके बाद जांच चलती रहेगी। वहीं, करनाल के डीएम का कहना है कि न तो वो किसी कानून तोड़ने वाले को मुआवजा देंगे और न ही किसी अधिकारी पर कोई एक्शन लिया जाएगा।


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