यरूशलेम: बेन्यामिन नेतन्याहू की सरकार इस्राएली संसद द्वारा बजट पारित करने की समय-सीमा पूरी करने में विफल रहने के बाद गिर गई है। अगले साल 2021 के मार्च महीने में देश चौथी बार चुनाव में होंगे। इस्राएल की संसद को बुधवार को उस समय भंग कर दिया गया जब बजट पारित करने की समय-सीमा पूरी करने में नेतन्याहू की गठबंधन सरकार विफल रही। देश पर सरकार गिरते ही चौथे चुनाव का साया मंडरा गया।
इस्राएल में अब दो साल के भीतर चौथी बार चुनाव होंगे। चुनाव की तारीख 23 मार्च 2021 तय की गई है। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी गठबंधन सरकार चला रही थी पर सरकार चला पाने में मुश्किलें आ रही थीं। दोनों पार्टियों का ये कमजोर गठबंधन इस साल अप्रैल महीने में हुआ था। बजट को लेकर नेतन्याहू और रक्षा मंत्री गांत्ज एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे थे, जिसकी वजह से पहले ही सरकार गिरने की आशंका जताई जा रही थी।
#BREAKING Israel's parliament dissolves, triggering fourth election in two years pic.twitter.com/zb3T0YwKsw
— AFP News Agency (@AFP) December 22, 2020
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संकट का राजनीतिक कारण
सरकार से देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए रक्षा मंत्री गांत्ज ने 2020 और 2021 के बजट को एक साथ मंजूरी देने की मांग की थी। जबकि नेतन्याहू ने 2021 के बजट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। नेतन्याहू के समर्थकों का कहना है कि रक्षा मंत्री का प्रस्ताव सरकार को अस्थिर करने की साजिश थी।
नेतन्याहू के समर्थकों का ये भी आरोप है कि नेतन्याहू को हटाकर गांत्ज खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे थे। आखिरकार दोनों दलों ने एक बिल पारित करने की मांग की जिससे उन्हें अपना बजट पेश करने के लिए अधिक समय मिल सके। हालांकि, मंगलवार को संसद ने इस बिल को खारिज कर दिया, जिससे देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
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नेतन्याहू पर वादा तोड़ने का आरोप
नवंबर 2021 में इस साल बनी गठबंधन सरकार को देखते हुए गांत्स का नेतन्याहू की जगह लेने में सफल होने की उम्मीद जताई जा रही थी। नेतन्याहू पर गांत्ज ने वादा तोड़ने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि देश में नए चुनाव कराना बेहतर होगा। इससे पहले ब्लू एंड व्हाइट पार्टी प्रमुख ने कहा था कि सरकार के गठन के बाद से प्रधानमंत्री ने गठबंधन के लिए अपने वादे नहीं पूरे किए हैं और चीजें इतनी खराब हो गई हैं कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। गांत्ज के मुताबिक, “अब अगर किसी पर सरकार और गठबंधन को बचाने की जिम्मेदारी है तो वह नेतन्याहू हैं। उन्हें तय करना होगा कि उन्हें क्या चाहिए।”
नेतन्याहू अगले साल मार्च में चुनाव होने पर समस्याओं का सामना कर सकते हैं। क्योंकि फरवरी में वे अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में पेश होने वाले हैं। उनके विरोधियों के लिए यह ये स्थिति फायदेमंद साबित हो सकती है।
हालांकि, अगर यही चुनाव जून महीने में होते हैं, तो वो नेतन्याहू के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकते थे। क्योंकि उस समय तक इस्राएल कोरोना वैक्सीन हासिल कर चुका होगा और उसकी अर्थव्यवस्था कुछ हद तक ठीक हो गई होगी।
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