कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान अब तक तकरीबन 700 किसानों की मौत हो चुकी है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि किसी किसान की मौत नहीं हुई है। यह बात कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कही।
कृषि मंत्री ने कहा, “कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
दरअसल, केंद्र सरकार से लोकसभा में पूछा गया था कि क्या सरकार के पास कोई डाटा है कि कितने किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है और क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी। अगर ऐसा है, तो इसकी सरकार विस्तृत जानकारी दे, अगर नहीं है, तो सरकार इसकी वजह बताए।
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इसके अलावा सरकार से ये विपक्षी दलों की ओर से पूछा गया था कि क्या सरकार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बातचीत के लिए क्या कदम उठाए हैं। अगर उठाए हैं, तो क्या। नहीं उठाए तो क्या वजह है? सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार ने जो कृषि कानून लागू किए थे, उन्हें ही वापस लिया। अगर हां तो जानकारी दें।

इसके जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, “सरकार लगातार सक्रिय रूप से आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर रही है। ताकि आंदोलन खत्म किया जा सके। इसके लिए सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच 11 स्तर की बातचीत भी हुई।”
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में वापस ले लिया गया है। इसके अलावा सरकार ने कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइस की सलाह पर सरकार ने 22 फसलों के एमएसपी घोषित किए हैं।
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उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर एजेंसियां सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत फसलों की खरीद कर रही हैं। देखा जाए तो मोदी सरकार ने भले ही कृषि आंदोलन के दौरान एक भी किसान की मौत न होने का दावा किया हो, लेकिन किसान संगठनों का दावा है कि पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई है।
इतना ही नहीं किसान संगठन अपनी शर्तों में इन किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की है। किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार जब तक किसानों को मुआवजा नहीं देगी और एमएसपी पर कानून नहीं बनाएगी न आंदोलन खत्म होगा न किसान वापस घर लौटेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा, “50-55 हजार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी कानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं। अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए। हमारा आंदोलन अभी खत्म नहीं हो रहा है।”
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