शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी दलों ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विपक्षी नेताओं संसद परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जमा हुए।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने ‘वी वान्ट जस्टिस’, ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके।
राहुल गांधी ने इस दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दु:ख की बात है कि हमें सदन के अंदर बैठकर चर्चा करने की बजाय बाहर यहां पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम एक बैठक करेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे। उन्होंने इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखकर निलंबित सांसदों का निलंबन रद्द करने की करने मांग की थी।

वहीं, तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि 12 निलंबित सांसदों को माफी मांगने को कहा गया है लेकिन मुझे नहीं लगता कि विपक्ष माफी मांगेगा। 12 सांसद में 2 सांसद तृणमूल के भी हैं, तृणमूल माफी मांगने के खिलाफ है। तृणमूल के दोनों सांसद गांधी मूर्ति के समक्ष धरने पर बैठे हैं और ये धरना जारी रहेगा।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस और द्रमुक सांसदों ने लोकसभा से वाक आउट किया। उधर, राज्यसभा को विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
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दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठना हास्यास्पद है, मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि कम से कम पश्चाताप व्यक्त करें। आज लोकसभा को चलाने की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष का रवैया क्या रहता है, देखते हैं, हम तो लोकसभा चलाना चाहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र की 29 नवंबर को शुरुआत हुआ था। इसके पहले ही दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ करने के आरोप में वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल का नाम शामिल हैं।
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