जम्मू में मवेशियों को चराकर लौट रहे दो भाइयों का मॉब लिंचिंग, एक गिरफ्तार

जम्मू में मवेशियों को चराकर लौट रहे दो भाइयों का मॉब लिंचिंग, एक गिरफ्तार

कोरोना महामारी में भी लोग नफरत और साम्प्रदायिक मानसिकता दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जम्मू में एक बार फिर मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। यहां मीर हुसैन और उनके बड़े चचेरे भाई, मोहम्मद सिद्दीक गुर्जर का उस समय हत्या करने की कोशिश की गई जब दोनों अपने मवेशियों के साथ अपने खेतों से लौट रहे थे। वे गुरुवार की शाम को जिला जम्मू के तहसील भालवाल के गढ़ोट गाँव में अपनी गायों को लेकर लौट रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला किया और मार कर बुरी तरीके से घायल कर दिया। फिलहाल, एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

द कश्मीरियत वेबसाइट के मुताबिक, मीर हुसैन और मोहम्मद सिद्दीक दिनभर अपने खेतों में काम करने के बाद अपने गाय और बैलों के साथ अपने गाँव भागनी लौट रहे थे, तभी कुछ लोगों ने आकर घेर लिया और उन पर गौहत्या का आरोप लगाकर हमला कर दिया। उनके हाथों में धारदार हथियार थे जिससे उन्होंने हमला किया। सोशल माडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि दोनों बुरी तरह से घायल हैं और खून से सने हुए हैं।

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मीर हुसैन के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि देर शाम लगभग 9:30 बजे, 15- 20 लोगों का एक समूह आया रास्ते में उनके भाइयों को रोका। उनके साथ मवेशी थे जिन्हें वे दोनों चराने ले गए थे। उन्होंने बताया कि दोनों को पहले रोका गया और फिर हमलावरों ने नारे लगाए। कुछ देर तक गाली-गलौज करते रहे। फिर दोनों को गोल-गोल घुमाया और लाठियों से पीटना शुरू कर दिया।

हालांकि, इस दौरान मीर हुसैन और मुहम्मह सिद्दीक निवेदन करते रहे कि वे लोग एक ही गाँव के निवासी हैं, और वे लोग उन्हें जानते भी हैं। जिसके बाद हमलावरों में से एक ने जवाब में कहा, “हमें इस बात की परवाह नहीं है कि तुमलोग हमें जानते हो या नहीं।” इस दौरान वे सभी दोनों की निर्दयता से पिटाई करते रहे। वायरल तस्वीर में दोनों की तस्वीरों को देखा जा सकता है, जबकि छोटे चचेरे भाई के मुंह से खून बह रहा है, वहीं मोहम्मद सिद्दीक के सिर से खून टपक रहा है।

मोहम्मद सिद्दीक की भौंहों और माथे के पास गहरी चोटें आई हैं। उनका पूरा सफेद कुर्ता खून से लाल हो गया है। इस पर मीर हुसैन ने बताया कि जब उन पर हमला किया गया तो वे जमीन पर गिर गए। उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि मौत मेरे पास सामने है, मौत आने से पहले बस मैं अपने बच्चों को देखना चाहता था।”

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उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि बहुत देर तक हमलावर हाथों-घुंसों और हथियारों से मारते रहे। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि ऐसे लोग शुरू में कानून को अपने हाथ में लेते हैं और फिर अपराध करने के बाद, वे इसकी वीडियो रिकॉर्ड कर अपराध का जश्न मनाते हैं। फिर इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं।

हालांकि, परिवार के लोगों ने दोनों की जान बचाने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और उन्हें पूरा सहयोग देने का वादा किया है। ह्यूमन राइट्स वॉच की 104 पेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कट्टरपंथी गौ रक्षा समूहों ने पिछले तीन वर्षों में कम-से-कम 44 लोगों की हत्या की है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मृतकों में से 36 भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक थे। मई 2015 और दिसंबर 2018 के बीच 100 से अधिक हमले हुए जिसमें लगभग 280 लोग घायल हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर हमलावरों को हिंदू राष्ट्रवादी राजनेताओं का समर्थन प्राप्त था।


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