सीरिया में अभी भी लाखों लोग मनमाने ढंग से हिरासत में, 10 लाख से अधिक विस्थापित

सीरिया में अभी भी लाखों लोग मनमाने ढंग से हिरासत में, 10 लाख से अधिक विस्थापित

सीरिया में अभी लाखों लोग गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में रखे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के जांच आयोग ने कहा है कि सीरिया में अब भी लाखों लोग मनमाने ढंग से हिरासत में रखे गए हैं। सोमवार को जांच आयोग ने कहा है कि इन लोगों का सीरिया संघर्ष के 10 साल बाद भी भविष्य अनिश्चित है।

कल संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने कहा, “सीरिया में जेलों या बंदीगृहों में कई लोगों की मृत्यु हो गई है या उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है जबकि कुछ लोग अमानवीय स्थितियों में रखे गए हैं।”

यूएन जांच आयोग की ओर 2,500 से अधिक लोगों का इंटरव्यू किया और इसी के आधार पर ये रिपोर्ट जारी किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेलों में बंद हजारों की संख्या में लोगों को प्रताड़ित किया गया और उनके साथ यौन हिंसा की गई है, या हिरासत में ही मौत के मुंह में धकेल दिया गया है।

सीरिया में अभी भी लाखों लोग मनमाने ढंग से हिरासत में, 10 लाख से अधिक विस्थापित

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अपनी रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने कहा है कि सीरियाई सरकार युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ जुर्म की दोषी है। यही नहीं सीरियाई डेमोक्रैटिक फोर्सेज (एसडीएफ) ने युद्ध अपराध को अंजाम दिया है। हालांकि, उसने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से लड़ने में अहम भूमिका निभाई है। इस्लामिक स्टेट पर इसी रिपोर्ट में नरसंहार का भी आरोप लगाया गया है।

सरकार के खिलाफ मार्च 2011 में शुरू हुए प्रदर्शनों को क्रूरता से दबाने से दबाने की कोशिश की गई। इसके अलावा शुरू हुई जंग में अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 10 लाख से अधिक लोगों को इस संकट के चलते विस्थापन का सामना करना पड़ा है।

सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद पर संकट को और बढ़ाने का भी आरोप लगता आया है। यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी पक्ष ने सीरिया में हिरासत में लिए गए लोगों को अंतरराष्ट्रीय कानूनी के अनुरुप अधिकार नहीं दिए।

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यूएन की आयुक्त कैरेन कोनिंग अबू-जायद ने कहा, “पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट सबूत होने के बावजूद, संघर्ष के तमाम पक्ष, अपने बलों पर लगे आरोपों की जांच कराने में नाकाम रहे हैं। बंदीगृहों में किए गए अपराधों की जांच कराने के बजाय, ज्यादा जोर उन्हें छिपान पर नजर आया है।”

अगले सप्ताह जेनेवा में इस जांच निष्कर्ष और रिपोर्ट को यूएन मानवाधिकार परिषद को सौंपी जाएंगी। इस रिपोर्ट में 100 से भी ज्यादा बंदीगृहों की परिस्थितियों के जांच निष्कर्ष शामिल हैं।

सीरिया में असद को सत्ता से हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन ने कई तरह के संकट का रूप लिया और लाखों लोग इस संकट के कारण मारे गए और इतने ही लोग विस्थापित हो गए। असद को रूस, ईरान और लेबनान की सेना का समर्थन हासिल है।

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