उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का एलान जब से हुआ है तब के धर्मांतरण का मामला जोर-शोर से उछाला जा रहा है। कुछ दिनों पहले इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के अध्यक्ष मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने गिरफ्तार किया था।
अब धर्मांतरण मामले में ATS ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को हिरासत में लिया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं और जमीयत-ए-वलीउल्लाह के भी अध्यक्ष हैं। उनको मेरठ से गिरफ्तार किया गया है।
कथित तौर पर बताया जा रहा है कि मुफ्ती काजी और उमर गौतम से कलीम सिद्दीकी के लिंक मिले हैं। आरोप है कि विदेश से करोड़ों रुपये कलीम सिद्दीकी के खाते में आए थे।
ये भी पढ़ें: जन्मदिन पर 4 साल का बच्चा गया मंदिर, सवर्णों ने लगा दिया 35,000 का जुर्माना
उत्तर प्रदेश ATS ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी ने हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग का काम किया। मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश कर दिया गया।
Investigation shows Maulana Kaleem Siddiqui's trust received Rs 3 crores in foreign funding including Rs 1.5 crores from Bahrain. Six teams of ATS have been formed to investigate this case: Uttar Pradesh ADG (Law and Order) Prashant Kumar pic.twitter.com/QQAKI63YMe
— ANI UP (@ANINewsUP) September 22, 2021
मौलाना कलीम पर ये भी आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने यूट्यूब के जरिए भी लोगों को धर्मांतरण करने और धर्मांतरण के रैकेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। कलीम सिद्दीकी तब सुर्खिंयों में आए थे जब उन्होंने फिल्म अभिनेत्री सना खान का निकाह कराया था।
बताया जा रहा है कि 64 वर्षीय मौलाना कलीम सिद्दीकी मंगलवार शाम 7 बजे अपने कुछ मौलाना साथिओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के घर उनसे मिलने गए थे।
तकरीबन रात 9 बजे बाद नमाज-ए-इशा वे अपने साथियों के साथ गाड़ी से वापस फुलत के लिए रवाना हो गए। इस दौरान परिजनों ने उन्हें कॉल किया पर फोन बंद आया। परिजनों ने इसके बाद इमाम शारिक को फोन किया।
ये भी पढ़ें: जिस युवक का नाम उमर गौतम मामले से जोड़ा उसने कहा- मैंने इस्लाम कबूल नहीं किया
इसके बाद परिजनों और परिचितों ने मौलाना की तलाश शुरू की, लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। कुछ समय बाद जानकारी मिली कि मौलाना को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है।
दरअसल, मंगलवार रात को एटीएस ने मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के फूलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी और तीन मौलाना और ड्राइवर सलीम को उठाया था। लखनऊ एटीएस ने रातभर इन चारों मौलानाओं से पूछताछ की। इसके बाद आज इस मामले में जांच एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी की बात कबुली।
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप गया है कि वे लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाते थे। साथ ही वे अपना ट्रस्ट चलाने और तमाम मदरसों को भी फंडिंग करते थे। उन पर इल्जाम है कि मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अवैध तरीके से भेजी जाती थी।
एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये आने की बात कही है। उनके अकाउंट में कुल 3 करोड़ रुपये आए थे। यूपी एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार किए गए थे।
ये भी पढ़ें: ओवैसी के दिल्ली स्थित आवास पर हिंदू सेना का हमला, 6 गिरफ्तार
ब्रिटिश आधारित संस्था से उमर गौतम और इसके साथियों को लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी। जिसके खर्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए। प्रशांत कुमार ने आगे बताया गया कि इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें से 6 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, 4 के खिलाफ जांच चल रही है।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ने मौलाना की गिरफ्तारी को मुस्लिम शोषण करार दिया है। उन्होंने लिखा है, “उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्यूलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मज़बूती दे रही है।”
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी साहब को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्यूलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मज़बूती दे रही है।#UP चुनाव जीतने के लिए #BJP आखिर और कितना गिरेगी? pic.twitter.com/MtHt6PnygZ
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) September 22, 2021
हालांकि, दूसरे राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर ऐसी गिरफ्तारियां हो रही हैं ताकि हिंदू-मुसलमान के एंग्ल से गोलबंदी किया जा सके हैं। वहीं, विपक्षी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी के पास गिनाने के कुछ ऐसा काम नहीं है जिस पर वे लोगों से वोट मांग सकें इसलिए धार्मिक धुर्व्रीकरण किया जा रहा है।
[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]
Leave a Reply