जिस युवक का नाम उमर गौतम मामले से जोड़ा उसने कहा- मैंने इस्‍लाम कबूल नहीं किया

जिस युवक का नाम उमर गौतम मामले से जोड़ा उसने कहा- मैंने इस्‍लाम कबूल नहीं किया

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एटीएस ने बहला फुसलाकर इस्‍लाम कबूल करवाने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के अध्यक्ष मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी हुई थी। जिन लोगों का नाम धर्मांतरण सूची में आया था उसमें मेरठ के रहने वाले प्रवीण कुमार का भी नाम शामिल था। इस मामले अब नया मोड़ आ गया है।

दरअसल, प्रवीण कुमार धर्मांतरण को आरोपों गलत साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अपनी खोई हुई पहचान और सम्‍मान को वापस पाने के लिए उन्होंने 200 किलोमीटर लंगी यात्रा पैदल तय की। टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वह पैदल सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर वहां अपना सम्‍मान वापस पाने के लिए याचिका लगाएंगे।

प्रवीण कुमार ने मंगलवार को अपने ‘विरोध मार्च’ की शुरुआत की। वह बुधवार शाम तक 32 किमी चलकर मुजफ्फरनगर पहुंच गए थे। भोर में फिर से शुरू होने से पहले वह एक रेलवे स्टेशन पर रात बिताएंगे। 32 साल के प्रवीण को उम्मीद है कि वह 11 दिनों में अपनी यात्रा पूरी करेंगे।

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हालांकि, प्रवीण कुमार को पिछले महीने ही यूपी एटीएस ने क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन वह अब भी बहुत परेशान हैं। उनके गांव के लोग उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। उसके साथ अजीब बर्ताव किया जा रहा है। प्रवीण ने बताया कि वह एक हिंदूवादी नेता हैं और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर किताबें लिखी हैं। हिंदू राष्ट्रवादी होने के बावजूद उसका नाम धर्म परिवर्तन वाली लिस्ट में आने के बाद उसका सामाजिक बहिष्कार हो गया है। उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं।

जिस युवक का नाम उमर गौतम मामले से जोड़ा उसने कहा मैंने इस्‍लाम कबूल नहीं किया
प्रवीण कुमार

प्रवीण कुमार एक पीएचडी स्‍कॉलर हैं। उन्‍हें यूपी एटीएस ने पिछले महीने धर्मांतरण मामले में उनके गांव शीतला खेड़ा से पूछताछ के लिए उठाया था। इसके बाद उन्‍हें गांव में तिरस्‍कार का सामना करना पड़ रहा है। वह खुद को हिंदू राष्‍ट्रवादी कहते हैं। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के ऊपर किताब भी लिखी हैं।

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उन्होंने बताया, “मैं चाहता हूं कि देश यह जाने कि मैं किन हालात से गुजर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि एक दिन वे सोकर उठे तो उन्‍होंने देखा कि उनके घर के बाहर लिखा था ‘आतंकवादी’ और ‘पाकिस्‍तान जाओ’। प्रवीण कुमार एक गन्‍ना मिल में अफसर हैं।

प्रवीण कुमार ने अपना सफर मंगलवार को शुरू किया था। उन्‍हें उम्‍मीद है कि उनका यह सफर 11 दिन में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं शीर्ष अदालत ने मांग करूंगा कि मेरा नाम स्‍पष्‍ट करे। मुझे आशा है कि इसके बात हालात बदलेंगे।”

प्रवीण के घर पर यूपी एटीएस ने 23 जून को छापा मारा था। एटीएस टीम अब्‍दुल समद को खोज रही थी। उनके पास एक सूची और एक सर्टिफिकेट था, जिसमें इस्‍लाम कबूलने वालों की जानकारी थी। सर्टिफिकेट में प्रवीण की फोटो लगी थी और नाम अब्‍दुल समद लिखा था।


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