भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान में चंदा एकत्र किए जाने को लेकर पार्टी के अंदर विवाद शुरू हो गया है। शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पार्टी के भीतर विचारधारा से जुड़े कई मुख्य मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है।
दूसरी तरफ, एनएएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा है कि राम मंदिर के लिए संगठन की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर चंदे का संग्रह नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई की राजस्थान इकाई ने मंदिर के नाम पर ‘भाजपा और आरएसएस की लूट’ को उजागर करने के लिए चंदा वसूला।
Ram Temple fund collection by @nsui underscores once again need for a candid & conceptual discussion within @INCIndia on host of core ideological issues.
— Manish Tewari (@ManishTewari) February 5, 2021
As INC is a secular party:Does Secularism mean separation of Church & State or Sarv Dharam Sambhav? https://t.co/oSXnasCzrk
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वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने ट्वीट किया है, “राम मंदिर के लिए एनएसयूआई की ओर से चंदा एकत्र करना इस बात फिर से रेखांकित करता है कि कांग्रेस के भीतर विचाराधा से जुड़े कई मुख्य मुद्दों पर ठोस और वैचारिक चर्चा की जरूरत है। कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष दल है: धर्मनिरपेक्षता का अर्थ धर्म एवं शासन व्यवस्था का अलग-अलग होना है या फिर सर्वधर्म समभाव?”
उधर, नीरज कुंदन ने कहा, “एनएसयूआई के प्रमुख के तौर पर मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि राम मंदिर के लिए चंदा एकत्र करने को लेकर हम कोई राष्ट्रीय अभियान नहीं चला रहे हैं। एनएसयूआई-राजस्थान का अभियान राम मंदिर के नाम पर आरएसएस और भाजपा की ओर से की जा रही संगठित लूट को बेनकाब करने के लिए किया गया प्रतीकात्मक प्रदर्शन था।”
मनीष तिवारी से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा था कि कांग्रेस चंदे से दूर ही रहेगी क्योंकि यह सेकुलर पार्टी है। उन्होंने कहा था, ” राजस्थान में एनएसयूआई राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा कर रही होगी। इसकी मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन कांग्रेस का यह स्टैंड नहीं है।
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पवन बंसल ने स्पष्ट किया था, “दिल्ली के लेवल पर राम मंदिर के लिए कांग्रेस की चंदा इकट्ठा करने की कोई योजना नहीं है। मुझसे संपर्क किया गया था, लेकिन मैंने इसके लिए मना कर दिया, मेरे लिए धर्म मेरी व्यक्तिगत आस्था और निजी मामला है, कांग्रेस पार्टी के तौर पर सेकुलर है, भाजपा ने राम मंदिर के नाम पर कई बार चंदा इकट्ठा किया है।
उन्होंने आगे कहा, “राम मंदिर के चंदे के लिए भाजपा ठेकेदार बन चुकी है, कांग्रेस इसमें भागीदार नहीं बनेगी, चंडीगढ़ में मेरे घर के पीछे मंदिर बनाने में मैंने और मेरे परिवार ने बड़ा सहयोग किया है, लेकिन पार्टी के तौर पर कांग्रेस का चेहरा सेकुलर है और सेकुलर रहेगा।”
दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एनएसयूआई की राजस्थान इकाई ने छात्रों से आर्थिक सहयोग जुटाने लिए पिछले दिनों ‘एक रूपया राम के नाम’ मुहिम शुरू किया। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित कामर्स कॉलेज से इसकी शुरुआत की।
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तीन सीलबंद बक्सों में कॉलेज में पहले दिन छात्रों से मंदिर निर्माण के लिए राशि एकत्रित की गई। प्रदेश इकाई का कहना था कि इस 15 दिवसीय मुहिम के तहत राज्य के सभी कॉलेजों से धन एकत्रित किया जाएगा और एकत्रित राशि को अयोध्या में राम मंदिर प्रशासन को सौंपा जाएगा। लेकिन चारों तरफ आलोचना के बाद कांग्रेस के भीतर खलबली मच गई है। इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी इसी तरह के अहवान कर चुके हैं।
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