किसानों के समर्थन में विधायक सोमवीर सांगवान ने खट्टर सरकार से गठबंधन तोड़ा

किसानों के समर्थन में विधायक सोमवीर सांगवान ने खट्टर सरकार से गठबंधन तोड़ा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक किसानों का आंदोलन जारी है वहीं दूसरी लगातार इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दल अलग हो रहे हैं। अब तक कई सहयोगी दल केंद्र और सत्तारूढ़ भाजपा शासित राज्यों से अपना नाता तोड़ने की धमकी दे चुके हैं। कल सोमवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने धमकी दी थी कि अगर सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो वे एनडीए से अपना नाता तोड़ लेंगे।

अब हरियाणा में गठबंधन की सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने किसानों के मुद्दे को लेकर सत्ता से अपना गठबंधन तोड़ लिया है। वहीं जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष अजय चौटाला ने भी कहा है कि केंद्र सरकार को इस मसले पर बड़ा सोचना चाहिए और किसानों की मांगों पर कुछ समाधान निकालना चाहिए।

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एक दिन पहले सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हरियाणा सरकार का समर्थन करने के लिए सांगवान को कुछ दिन पहले ही पशुधन विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था।

सांगवान ने कहा था, “किसानों के समर्थन में मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूरे देश की तरह, मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे हालात में, उनका पूरा समर्थन करना मेरी प्राथमिकता है और नैतिक कर्तव्य भी है।”

दूसरी तरफ अजय चौटाला ने कहा है कि सरकार किसानों की मांगों पर विचार करे। उन्होंने कहा कि जो भी सर्वसम्मत हल हो उसे जल्दी से लागू कर किसानों को परेशानी को दूर किया जाना चाहिए। एमएसपी को एक्ट में शामिल करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

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इससेप पहले केंद्र सरकार में एनडीए का हिस्सा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे एनडीए में बने रहने पर विचार करेंगे। कृषि कानून के विरोध में शिरोमणि अकाली दल भी सरकार से नाता तोड़ चुका है।

उल्लेखनीय है कि कल आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मैंने केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध किया है और अमित शाह को एक पत्र लिखा है कि अगर काले कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो हम एनडीए को अपना समर्थन जारी रखने के बारे में सोचेंगे।

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