अमेरिकी खुफिया विभाग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया जिसमें कहा गया है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या सऊदी प्रिंस के इशारे पर की गई थी। एजेंसी की तरफ से शुक्रवार को जारी किए गए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने पत्रकार जमाल खशोगी को ‘पकड़ने या मारने’ के लिए एक ऑपरेशन को मंजूरी दी थी, जिसके चलते साल 2018 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ओडीएनआई) के कार्यालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया, “हम आकलन करते हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने और मारने के लिए इस्तांबुल में एक ऑपरेशन को मंजूरी दी थी।”
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, मुहम्मद बिन सलमान ने तुर्की के इस्तांबुल में एक ऑपरेशन की अनुमति दी, जिसके तहत पत्रकार जमाल खाशोगी को पकड़ने या मारने का काम दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सलमान के प्रभाव को देखते हुए, बहुत ज्यादा संभावना है कि अगर उन्होंने अनुमति नहीं दी होती, तो यह हत्या नहीं हो पाती।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि सलमान के तरफ से खाशोगी की हत्या का आदेश विदेशों में अपने आलोचकों को हिंसा के जरिए चुप कराने के लिए किया गया था। माना जा रहा है कि इस अमेरिकी रिपोर्ट के बाद ट्रंप प्रशासन के दौर में मजबूत हुए अमेरिकी-सऊदी रिश्तों में तल्खी आएगी। हालांकि, ऐसा केवल इस रिपोर्ट के चलते नहीं होगा।
देखा जाए तो जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिकी प्रशासन एक के बाद एक ऐसे कदम उठा रहा है जिससे मिडिल ईस्ट का सबसे ताकतवर सुन्नी मुस्लिम देश सऊदी उससे खफा हो सकता है। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन में ही खशोगी पर इंटेलिजेंस रिपोर्ट सामने आ सकती थी, पर डोनाल्ड ट्रंप ने मोहम्मद बिन सलमान के साथ अपने रिश्ते की वजह से ऐसा होने नहीं दिया।
सीनेट में अपनी पुष्टि की सुनवाई के दौरान बाइडेन की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) एवरिल हैन्स ने ऐलान किया था कि नया प्रशासन पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी इंटेलिजेंस रिपोर्ट सार्वजानिक करेगा।
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व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी ने 16 फरवरी को कहा, “अमेरिका सऊदी अरब के साथ अपने रिश्ते को ठीक करने जा रहा है। इसमें समकक्ष के साथ ही बातचीत किया जाना शामिल है। राष्ट्रपति बाइडेन के समकक्ष किंग सलमान हैं।”
उल्लेखनीय है कि जो बाइडेन ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान कहा था कि उनकी योजना है सऊदी अरब सब चीजों की कीमत चुकाए और उसे वो अछूत बना दिया जाए, जो वो है।” शायद 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से पहले कोई अमेरिकी राष्ट्रपति ऐसा कर भी सकता था। अब ऐसा कर पाना नामुमकिन सरीखा काम है। हालांकि, बाइडेन ने अभी तक जिस तरह के कदम उठाए हैं, वो भी कुछ साल पहले तक अकल्पनीय थे।
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