क्या कोरोना हाहाकार से ध्यान हटाने के लिए पश्चिम बंगाल में हिंसा परोसा जा रहा है?

क्या कोरोना हाहाकार से ध्यान हटाने के लिए पश्चिम बंगाल में हिंसा परोसा जा रहा है?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद बीते रविवार से जारी हिंसा जारी है। बीते 24 घंटों में तीन और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। इन मौतों में बीजेपी ने नौ लोगों को अपना कार्यकर्ता होने का दावा किया है। जबकि टीएमसी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके सात लोगों की हत्या कर दी है। वहीं, इंडियन सेक्युलर फ्रंट एक कार्यकर्ता की भी मौत हुई है।

इन सबके बीच भाजपा का आईटी (IT) सेल विवादों में आ गया है। उस पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि उनकी तरफ से हिंसा को और अधिक भड़काने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, भाजपा आईटी सेल लगातार फेक वीडियो शेयर कर रहा है और दावा कर रहा है कि टीएमसी के लोग उनके कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं।

इसी कड़ी में आज गुरुवार को सेल ने बलंडर कर दिया। उन्होंने इंडिया टुडे के पत्रकार अब्रो बनर्जी का फोटो शेयर कर उन्हें न सिर्फ अपना कार्यकर्ता बताया बल्कि उन्हें मृतक घोषित कर दिया। बीजेपी आईटी सेल ने लिखा कि वे उनके कार्यकर्ता थे और उनकी हत्या कर दी गई है। लेकिन जब अब्रो ने बीजेपी के सोशल पेज पर अपनी तस्वीर लगी देखी तो वे दंग रह गए और उन्होंने इसको लेकर रिपोर्ट की कि वे भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं और वे जिंदा हैं।

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अभ्रो बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, “मैं अभ्रो बनर्जी हूं। जिंदा और सुरक्षित हूं। सीतलकुची से 1,300 किलोमीटर की दूरी पर हूं। बीजेपी आईटी सेल दावा कर रहा है कि मानिक मोइत्रा हूं और सितालकुची में मेरी मौत हो गई है। कृपया, इन फर्जी पोस्ट्स पर यकीन न करें और चिंतित न हों। एक बार फिर से दोहरा दूं कि मैं जिंदा हूं।”

अभ्रो ने इस ट्वीट के साथ ही बंगाल बीजेपी के पेज से शेयर हुए वीडियो का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उनकी तस्वीर दिख रही है। हालांकि, जब इसको लेकर एक टीवी डिवेट के दौरान भाजपा के पूछा गया तो पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा ने सफाई देते हुए कहा कि अब्रो बनर्जी की तस्वीर गलती से लग गई थी।

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संबित पात्रा ने जवाब देते हुए कहा, “हमारे कार्यकर्ता मानिक मोइत्रा की हिंसा में मौत हुई है, लेकिन गलती से अभ्रो बनर्जी की तस्वीर इस्तेमाल हो गई।” उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंसा में 6 लोगों के मारे जाने को लेकर अभ्रो बनर्जी ने एक रिपोर्ट लिखी थी। उस आर्टिकल के संदर्भ का वीडियो में इस्तेमाल किया गया था और गलती से मानिक मोइत्रा के स्थान पर उनकी तस्वीर लग गई।

देखा जाए तो रिजल्ट आ जाने के बाद भी जिस तरह से पश्चिम बंगाल में हिंसा की खबरें आ रही हैं उसकी वजह लोगों को नहीं मालूम चल पा रही है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हिंसा को जानबूझ कर भड़काई जा रही है। ताकि कोरोना के कारण मचे हाहाकार से मोदी सरकार की जिस तरह से फजीहत हो रही उससे लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।

माना जा रहा है कि भाजपा खुद को लाचार और मजबूर दिखाना चाहती है कि हम पर हमले हो रहे हैं, हमारे लोगों की हत्या की जा रही है। हालांकि, इसका फायदा भाजपा को मिल भी रहा है। लोग सोशल मीडिया हिंसा के लिए टीएमसी को दोषी ठहरा रहे हैं जबकि यह पूरा मामला दो तरफा और कहीं त्रिकोणीय भी है।

क्या कोरोना हाहाकार से ध्यान हटाने के लिए पश्चिम बंगाल में हिंसा परोसा जा रहा है?

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लोगों का मानना है कि यही वजह है कि पिछले तीन दिनों से भाजपा आईटी से लगातार गलत और भ्रामक खबर, वीडियो और तस्वीरें शेयर कर रही है, जिसमें से अधिकतर वायरल टेस्ट में गलत निकल रही हैं। कई तस्वीरें ऐसी हैं जो बांग्लादेश की हैं और उसे पश्चिम बंगाल का बता शेयर किया जा रहा है। अल्ट न्यूज वेब साइट पर जाकर इन सभी तस्वीरों की सच्चाई को देखा जा सकता है। जिसे उसने समय समय पर वायरल टेस्ट किया है।


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