अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से निकलते ही भारत ने तालिबान बात शुरू कर दी है। भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से जाकर मुलाकात की।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने तालिबानी प्रतिनिधि से मुलाकात की आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि ये मुलाकात कतर की राजधानी दोहा में तालिबान की गुजारिश पर हुई है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत-तालिबान के बीच कुटनीतिक बातचीत पहले से चल रही थी।
Ambassador of India to Qatar, Deepak Mittal meets Sher Mohammad Abbas Stanekzai, the Head of Taliban’s Political Office in Doha. Discussions focused on safety, security and early return of Indian nationals stranded in Afghanistan. (1/2) pic.twitter.com/eDE1h6siCB
— DD India (@DDIndialive) August 31, 2021
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भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि तालिबानी प्रतिनिधि से मुलाकात में भारत ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को उठाया। इसके बाद तालिबानी प्रतिनिधि ने भरोसा दिलाया कि भारत की चिंताओं का समाधान किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की। ये चर्चा अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर केंद्रित रही।”
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बयान में विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “राजदूत दीपक मित्तल ने भारत की चिंता जताई कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तालिबान प्रतिनिधि ने राजदूत को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को सकारात्मक रूप से संबोधित किया जाएगा।”
अमेरिका और तालिबान के बीच शांतिवार्ता के दौरान बातचीत का अहम हिस्सा रहे शेर मोहम्मद स्तानिकजई ने सार्वजनिक तौर पर भारत के साथ भी ‘दोस्ताना संबंध’ बनाए रखने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने इस संबंध में इसी हफ्ते सार्वजनिक बयान जारी किया था।
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