अमेरिकी सेना ने कुछ ही घंटों पहले अफगानिस्तान को अलविदा कह दिया। इसके बाद से तालिबान ने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में ले लिया है। अमेरिका के आखरी विमान कुछ समय पहले काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरा और इसी के साथ उसका 20 साल लंबा अफगानिस्तान पर नियंत्रण खत्म हो गया।
अमेरिका का आखिरी विमान सोमवार रात को अफगानिस्तान से रवाना हुआ। इसके बाद तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे को अपने कब्जे में ले लिया। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकले के ऐलान के बाद अमेरिकी सेना सेंट्रल कमांड के जनरल केनेथ मकैंजी ने कहा, “मैं यहां अफगानिस्तान से निकासी पूरी हो जाने की घोषणा के लिए आया हूं।”
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश किया था इसके बाद पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई थी। राजधानी पर ताबिलान का कब्जा होने के बादकाबुल हवाई अड्डे पर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया था, जो देश छोड़कर जाना चाहते थे। पिछले दो हफ्तों में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने एक लाख 22 हजार लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है।
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अफगानिस्तान में जश्न का माहौल
अमेरिकी सेना के आखिरी विमान निकले के बाद अफगानिस्तान में जश्न का माहौल है। राजधानी काबुल में खुशी में हवा में गोलियां दागी गईं। हालांकि, अमेरिका ने बाहर पूरी तरह बाहर निकलने से पहले अपने विमानों और हथियारों को नष्ट कर दिया।
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— lyse doucet (@bbclysedoucet) August 30, 2021
जनरल केनेथ मैकेंजी ने बताया कि हामिद करजई एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों को सेना ने डिमिलिट्राइज्ड कर दिया है, जिसका अर्थ है कि अब ये विमान इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा, “वे विमान अब कभी नहीं उड़ सकेंगे…। उन्हें कभी भी कोई भी संचालित नहीं कर सकेगा। निश्चित रूप से वे फिर कभी नहीं उड़ पाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “14 अगस्त को बचाव अभियान शुरू करते हुए अमेरिका ने करीब 6000 सैनिकों को काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किया था। इसकी वजह से अब हवाईअड्डे पर 70 MRAP बख्तरबंद वाहनों को भी नष्ट कर दिया गया है। इस तरह के एक वाहन की कीमत करीब 10 लाख डॉलर है। इसके अलावा 27 ‘हमवीज’ वाहन भी डिसेबल कर दिए गए हैं, जिन्हें अब कभी कोई इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।”
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C-RAM सिस्टम छोड़ा
हालांकि, अमेरिकी सेना रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार रोधी C-RAM सिस्टम छोड़ कर गई है, जिसका इस्तेमाल एयरपोर्ट को रॉकेट हमले से बचाने के लिए किया गया था। इसी सिस्टम की वजह से सोमवार को इस्लामिक स्टेट की ओर से 5 रॉकेट हमले होने के बाद भी काबुल एयरपोर्ट सुरक्षित रहा।
जनरल मैकेंजी ने बताया, “हमने इन सिस्टमों को अफगानिस्तान से अंतिम विमान उड़ने तक आखिरी मिनट तक चलाया। इन सिस्टमों को ब्रेक डाउन करना जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। इसलिए हमने इन सिस्टमों को डिमिलिट्राइज किया ताकि इसका कोई इस्तेमाल न कर सके।”
उधर, एक ट्वीट कर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, “आज रात अफगानिस्तान समयानुसार, 12 बजे बाकी बचे अमेरिकी सैनिक भी काबुल से चले गए और हमारा देश पूरी तरह आजाद हो गया।” न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, उन्होंने कई चेकपोस्ट पर खुशी में गोलीबारी की आवाजें सुनीं। ऐसे कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए जा रहे हैं जिनमें तालिबान को हवा में गोलीबारी करते देखा जा सकता है।
मुजाहिद ने कहा, “तालिबान की यह जीत अमेरिका के अलावा दूसरे हमलावरों के लिए भी एक सीख की तरह है। तालिबान का इस बार राज पहले की तुलना में उदार होगा। हम अमेरिका और पूरी दुनिया के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। हम सभी के साथ अच्छे कूटनीतिक संबंधों का स्वागत करते हैं।”
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अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान
दूसरी तरफ, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरीकियों, अफगानों और उन सभी की मदद लगातार जारी रहेगी जो देश छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “200 से कम अमेरिकी ही अब अफगानिस्तान में बचे हैं। काबुल में अमेरिकी दूतावास निकट भविष्य में बंद रहेगा और वहां से काम कर रहे दूतावास के अधिकारी अब कतर में दोहा से काम करेंगे।”
अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा, “तालिबान अंतरराष्ट्रीय वैधता और समर्थन चाहता है। तालिबान प्रतिबद्धताओं और दायित्वों को पूरा करके ऐसा कर सकता है। इसके लिए उसे यात्रा की स्वतंत्रता देना होगा। साथ ही महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित अफगान लोगों के मूल अधिकारों का सम्मान करना, आतंकवाद विरोधी पर अपनी प्रतिबद्धताओं को कायम रखना, उन लोगों के खिलाफ प्रतिशोध की हिंसा नहीं करना जो अफगानिस्तान में रहना पसंद करते हैं। और एक समावेशी सरकार बनाना होगा जो अफगान लोगों की जरूरतों को पूरा कर सके और उनकी आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित कर सके।”
ब्लिंकेन ने इसके बाद कहा, “हम उस नई अफगान सरकार के साथ काम कर सकते हैं जो उन हितों को सुरक्षित करने में मदद करता है- जिसमें मार्क फ्रीरिच की सुरक्षित वापसी शामिल है।” मार्क फ्रीरिच एक अमेरिकी नागरिक है, जिन्हें पिछले साल की शुरुआत में बंधक बनाया गया था। उन्होंने कहा, “लेकिन हम इसे विश्वास के आधार पर नहीं करेंगे। हम जो भी कदम उठाएंगे, वह तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के कहने पर नहीं बल्कि अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए होगा।”
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मानवीय सहायता रहेगा जारी
उन्होंने साफ किया कि अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता देना जारी रखेगा। विदेशमंत्री ब्लिंकेन ने कहा, “हम मानते हैं कि जब हम अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ समन्वय में काम करते हैं, तो हम और अधिक हासिल कर सकते हैं। पिछले दो हफ्तों में, हमने योजना बनाने और समन्वय करने के लिए सहयोगियों और भागीदारों के साथ गहन चर्चा की है।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने नाटो और G7 के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की है। मैंने अपने दर्जनों समकक्षों के साथ आमने-सामने बात की है। पिछले हफ्ते, राष्ट्रपति बाइडेन ने G7 देशों के नेताओं से मुलाकात की। उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन हर दूसरे दिन दुनिया के सभी क्षेत्रों से 28 सहयोगियों और भागीदारों के एक समूह से बात कर रहे हैं।”
अमेरिकी सेना ने बताया कि अफगानिस्तान से उड़े आखिरी चंद विमानों में कोई अमेरिकी नागरिक नहीं था। माना जा रहा है कि अब अमेरिका बाकी बचे लोगों को निकालने के लिए कूटनीतिक तरीके अपनाएगा।
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