अपने जिद्दी बच्चे को कैसे डील करते हैं? अपनाएं ये कुछ रिज्योलूशन

अपने जिद्दी बच्चे को कैसे डील करते हैं? अपनाएं ये कुछ रिज्योलूशन

हर साल हम सब कोई न कोई रिज्योलूशन बनाते हैं। कभी खुद के फिटनेस को लेकर तो कभी अपनी लाइफ के गोल्स को अचीव करने के लिए, कुछ अपनी आदतों को लेकर। हर कोई कोई न कोई रिज्योलूशन सेट किए ही होंगे। लेकिन क्या आपने अपने और अपने बच्चों के रिश्ते को एक लेवल आगे ले जाने के लिए कोई रिज्योलूशन सेट किया है? अगर नहीं, तो क्या आपको नहीं लगता कि आपको अपने बच्चों से जुड़े कुछ खास रिज्योलूशन बनाने की जरूरत है।

जिससे कि आप बेहतर इंसान बनने के साथ एक अच्छे पैरेंट भी बन सकें और अपने बच्चों को भी एक बेहतर इंसान बनाने और उन्हें एक खुशहाल वातावरण दे पाएं। अगर अब तक नहीं बनाएं तो कोई बात नहीं अब बना लीजिए। तो आइए जानते हैं उन रिज्योलूशन के बारे में जो आपको अपने बच्चें के लिए बनाना चाहिए।

अपने बच्चों कैसे डील करते हैं? अपनाएं ये कुछ रिज्योलूशन

बच्चों की बातों को भी सुनें

हम पैरेंटस हमेशा अपनी ही बात कहते हैं या यूं कहें कि बच्चों में थोपते हैं। जोकि हर लिहाज से गलत है। इससे सिर्फ आपका नुकसान है। ऐसा करने से बच्चें आपसे दूर होता जाएगा, आपसे झूठ कहेगा। इसलिए उनके साथ फ्रेंडली बिहेब रखें।

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क्योंकि बच्चों को समझने के लिए उनकी बातों को सुनना बेहद जरूरी है। क्योंकि जब तक आप बच्चों की बातों को सुनेंगे नहीं आप उन्हें नहीं समझ सकते हैं, इसलिए अपने टाइम से थोड़ा-सा वक्त निकालकर बच्चों की बातें सुनें और उनसे अपना तालमेल बिठाएं। ऐसा करने से आपसे बच्चा कभी भी झूठ नहीं कहेगा।

पैरेंटिंग में करें एक्सपेरिमेंट

पैरेंटिंग के साथ एक्सपेरिमेंट करके देखें। हर बच्चें का नेचर एक-दूसरे से अलग होता है। ऐसे में एक नियम ही नहीं हर बच्चे के लिए नहीं बनाया जा सकता। इसलिए अपने तरीके को बदलते रहिए। इससे आपको भी कई चीजें समझ आएंगी।

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फेलियर को फेस करना सिखाएं

हम हमेशा अपने बच्चों को सफलता का मंत्र सिखाते हैं। लेकिन हमें बच्चों को असफलता को स्वीकारना भी सिखाना चाहिए। जिससे उनके मन में हार का डर न हो। कई बार देखा गया है बच्चे हार के डर से अक्सर गलत कदम उठा लेते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि उन्हें सफलता के साथ साथ अगर कभी फैल हो जाएं तो उन्हें स्वीकारने की भी सीख मिले और ये सिर्फ माता-पिता यानी कि परिवार में ही सिखाया जा सकता है। ताकि वे कभी हारे तो उनसे डरे नहीं बल्कि सबक लें।

मेंटल हेल्थ का रखें ख्याल

हम अपने बच्चों की हर छोटी-बड़ी जरूरतों का ख्याल रखते हैं लेकिन हम कभी भी उनकी मेंटल हेल्थ के बारे में ध्यान नहीं देते और न ही कोशिश करते हैं। हमें चाहिए कि हम बच्चों की छोटी से छोटी बातों पर ध्यान दें अगर वो परेशान हैं तो उनसे बात करें, उनकी उलझन दूर करने की कोशिश करें। उनके साथ समय बिताएं।


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