बैंक-बीमा-पेट्रोलियम की इन 12 कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, विपक्ष हमलावर

बैंक-बीमा-पेट्रोलियम की इन 12 कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, विपक्ष हमलावर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को आम बजट सदन में पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए। जिनमें एक तरफ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए 64,180 करोड़ रूपए का ऐलान किया। वहीं दूसरी सरकार ने कई कंपनियों की अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। पहले ही दो बैंकों का भी निजीकरण करने का प्रस्ताव मोदी सरकार ने रखा है। यही नहीं बीमा कंपनी की हिस्सेदारी भी सरकार ने बेचने का निर्णय लिया है।

वित्त मंत्री ने आज ऐलान किया कि सरकार वित्त वर्ष 2021-22 में एलआईसी का आईपीओ लेकर आएगी। सरकार एलआईसी में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। सरकार चरणबद्ध ढंग से एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।

हालांकि, आईपीओ लाने से पहले एलआईसी आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने में कामयाब रही तो एलआईसी की वैल्यूएशन और बढ़ जाएगी। इसके आईपीओ इससे को फायदा मिलेगा। आईपीओ लाने से पहले एलआईसी की वैल्यूएशन का पता करना होगा।

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एलआईसी की दूसरी लिस्टेड कंपनियों में इसके बाद अपनी हिस्सेदारी 15 फीसदी से कम करनी होगी। संसद में इसके बाद एलआईसी एक्ट में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में एलआईसी की कुल वैल्यूएशन 32.8 लाख करोड़ रुपये थी।

सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी दलों का सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के बदले सार्वजनिक संपत्ति को बेचने जा रही है। उनका कहना है कि इससे आम लोगों को नुकसान होगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश के लोगों को धोखा दिया है और इससे पहले कभी भी बजट से इतनी निराशा नहीं हुई।

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उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “वित्त मंत्री ने भारत के लोगों खासकर गरीबों, कामकाजी तबके, मजूदरों, किसानों, स्थायी रूप से बंद हुईं औद्योगिक इकाइयों और बेरोजगार हुए लोगों को धोखा दिया। उन्होंने उनका भाषण सुन रहे सांसदों और उन सभी लोगों के साथ धोखा किया है जिनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि पेट्रोल एवं डीजल समेत कई उत्पादों पर उपकर लगा दिया गया है।”

पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बजट में रक्षा समेत कई महत्वपूर्ण विषयों का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “सरकार से बड़ी उम्मीदें थी कि खर्च में बढ़ोतरी की जाएगी ताकि निजी निवेश और उपभोग को बढ़ावा मिल सके, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि मामूली बढ़ोतरी हुई है जो 34,50,305 करोड़ रुपये से बढकर 34,83,236 करोड़ रुपये हो गया है। चिदंबरम ने कहा कि यह निराशाजनक बजट है। पिछले साल की तरह इस बजट की सच्चाई सामने आ जाएगी।

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आइए, बताते हैं कि पेश किए गए बजट के मुताबिक, सरकार ने किन-किन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है-

  • बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)
  • बीईएमएल (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड)
  • पवन हंस
  • आईडीबीआई बैंक
  • एयर इंडिया
  • शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
  • कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
  • नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड
  • दो अन्य बैंकों और जनरल बीमा कंपनी का भी निजीकरण करने का प्रस्ताव
  • एलआईसी का 2021-22 मेंआईपीओ लाया जाएगा

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