कृषि कानून को लेकर लगभग दो महीने से देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच किसान नेताओं ने 6 फरवरी को चक्का जाम करने का एलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने आज देर शाम कहा कि 6 फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा। इस दौरान दोपहर 12 बजे से लेकर शाम के 3 बजे तक सड़कों को ब्लॉक भी किया जाएगा।
There will be a country-wide agitation on February 6; we will block roads between 12 pm and 3 pm, says Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R) pic.twitter.com/4o5tD6ckfR
— ANI (@ANI) February 1, 2021
चक्का जाम करने का यह एलान किसान संगठनों ने बजट में किसानों को ‘नजरअंदाज’ किए जाने और धरना स्थलों के आसपास की जगहों पर इंटरनेट बंद करने समेत अन्य मुद्दों के विरोध में किया है। जैसा कि मालूम है कि 26 जनवरी को किसानों के तरफ से गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में कमी आई थी।
ये भी पढ़ें: बैंक-बीमा-पेट्रोलियम की इन 12 कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, विपक्ष हमलावर
लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के अहवान पर एक बार फिर से भारी संख्या में दिल्ली के आसपास के सीमाओं पर किसानों का जत्था जुटने लगा है। पिछले दो दिन से फिर हजारों-हजार की संख्या में किसानों का आना जारी है।

दूसरी तरफ दिल्ली की सीमा से सटे तीन बॉर्डर गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। कई रास्तों के बंद कर दिया गया है। कई रास्तों को बैरिकेडिंग भी की गई है। टीकरी बॉर्डर पर पुलिस ने कंक्रीट के स्लैब लगाए है। साथ-ही-साथ सड़क पर नुकीली सरिया भी गाड़े हैं ताकि वाहन पार न हो सकें। कई जगहों पर कटिले तार भी लगाए गए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आम बजट पेश किया। किसान नेताओं ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए गए इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा, “पिछले साल, एमएसपी पर खरीद के लिए एफसीआई को कर्ज के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए बजट आवंटन 1,36,600 करोड़ रुपये था। 85,000 रुपये से कम खर्च किया गया था। इस बार ऐसी कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। ऐसी बातों से किसानों को लगता है कि यह एफसीआई को बंद करने की साजिश रची जा रही है।”
ये भी पढ़ें: आम बजट में आम आदमी को राहत नहीं, जानें क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?
वहीं, दूसरी तरफ कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने किसान नेताओं पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए आग में घी डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि किसान संगठन इसे समझेंगे।” उन्होंने बजट का जिक्र करते हुए कहा कि लोग देख सकते हैं कि किसानों के लिए मोदी सरकार क्या करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वे (किसान संगठन) निश्चित रूप से तुलना करेंगे और देखेंगे कि अब और यूपीए शासन के दौरान कितना आवंटन हुआ है।”
Leave a Reply