सोशल मीडिया, OTT और न्यूज पोर्टल के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

सोशल मीडिया, OTT और न्यूज पोर्टल के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया, ओवर दी टॉप (ओटीटी), न्यूज पोर्टल और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए नए नियम बनाए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और गाइडलाइन को लेकर जानकारी दी।

सूचना एंव प्ररसारण मंत्री ने कहा कि कोर्ट के आदेश और सरकार के तरफ से पूछे जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेट का सोर्स बताना होगा। उन्होंने कहा कि अगर यूजर्स की गरिमा को लेकर कोई शिकायत की जाती है, खासकर महिलाओं से संबंधित तो प्लेटफॉर्म्स को शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर उस कंटेट को हटाना होगा।

सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक, किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत आने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हटाना होगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया को भी सेल्फ रेगुलेशन करना होगा।

सोशल मीडिया, OTT और न्यूज पोर्टल के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

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केंद्र सरकार की ओर से कहा कि इसके लिए संस्थान को बॉडी का गठन करना होगा। उन्होंने बताया कि सरकार के तरफ से जो गाइडलाइंस जारी की गई है उसे तीन महीने में लागू कर दिया जाएगा।

केंद्रीय सूचना मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म, डिजिटल मीडिया को अपने कामों की जानकारी देनी होगी। प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल मीडिया की गाइडलाइन को लेकर जानकारी देते हुए कहा, “सोशल मीडिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “शिकायतों के समाधान के लिए सिस्टम की स्थापना करनी होगी। शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।”

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वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर जावड़ेकर ने कहा, “ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा। ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने बारे में जानकारी देनी होगी। शिकायत के समाधान के लिए एक सिस्टम तैयार करना चाहिए और इसे स्थापित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, ” इसके लिए सेल्फ रेगुलेशन होनी चाहिए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त जज करेंगे या इस श्रेणी का कोई प्रख्यात व्यक्ति करेंगे। एक ओवरसाइड सिस्टम भी होगा।”

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केंद्रीय सूचना मंत्री कहा कि ओटीटी के लिए कंटेंट सेल्फ क्लासिफिकेशन होना चाहिए जिसमें 13+, 16+ और ए कैटेगरी होना चाहिए। पैरेंटल लॉक के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए कि बच्चे यह न देखें। उन्होंने ये भी कहा है कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा। जबकि इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।

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