सरकार के प्रस्ताव को किसानों के ठुकराया, अब दिल्ली सीमा पर ही देंगे धरना

सरकार के प्रस्ताव को किसानों के ठुकराया, अब दिल्ली सीमा पर ही देंगे धरना

नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसी बीच किसान संगठन की आज रविवार को एक अहम बैठक हुई। किसानों ने इस बैठक में अमित शाह के प्रदर्शन स्थल संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया। अब किसानों ने कहा है कि वे दिल्ली सीमा पर ही धरना देंगे और सभी रास्तों को बंद करेंगे। सिंधु बॉर्डर पर किसान नेता आज शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपनी बात रखेंगे।

किसान संगठन की बैठक में शामिल स्वाराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, “आज सुबह पंजाब के 30 किसान संगठनों की मीटिंग हुई। अमित शाह जी के बयान के बाद कल रात गृह सचिव की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में कृषि कानून पर बातचीत के लिए सड़कें खाली करके बुराड़ी आने की जो शर्त लगाई गई थी, किसानों ने उसे नामंजूर कर दिया है।”

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योगेंद्र यादव ने कहा, “हमारा मकसद रास्ता रोककर जनता को परेशान करना नहीं है। किसान दो महीने से यह आंदोलन चला रहे हैं। ऐसे में सरकार ऐसे शर्त लगाकर भेजेगी तो हम कैसे जाएंगे।” उन्होंने बताया कि बुराड़ी में इसी मुद्दे पर आज शाम 4 बजे किसान सगठनों के प्रतिनिधियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। उन्होंने बताया कि 26 तारीख को ‘दिल्ली चलो’ की जो कॉल थी वो संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से थी। देश के 450 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल है, उन सभी ने सात सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, उन सातों में सदस्यों में से एक मैं हूं।

कल शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, “पिछले कुछ दिनों से, पंजाब और हरियाणा तथा देश के कुछ अन्य हिस्सों के किसान दिल्ली की सीमा पर आए हुए हैं। किसान कल से ही दिल्ली की सीमा के पास दो प्रमुख राजमार्गों पर इकट्ठा हो गए हैं।”

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उन्होंने आगे कहा, “इसलिए, हमारे किसान भाइयों से मेरी विनम्र अपील है कि सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी में आपके लिए उचित व्यवस्था की है, जहाँ आप अपना प्रदर्शन कर सकते हैं। कुछ किसान यूनियनों और किसानों ने मांग की है कि वार्ता 3 दिसंबर के बजाय तुरंत आयोजित की जाए। इसलिए, मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि जैसे ही आप मैदान में (बुराड़ी) पहुंचेंगे, केंद्र सरकार आपके साथ चर्चा के लिए तैयार है।”

अमित शाह के इस बयान के बाद किसानों ने पूछा था कि सरकार बुराड़ी में ही हमें क्यों बुला रही है। किसानों ने सरकार से सवाल पूछा था कि बुराड़ी मैदान ही क्यों जाएं, रामलीला मैदान क्यों नहीं? किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन रामलीला मैदान में होते हैं तो हम बुराड़ी के निरंकारी भवन क्यों जाएं जो एक निजी जगह है।

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