किसानों ने नोएडा से दिल्ली के लिए किया कूच, कालिंदी कुंज में रोकने की तैयारी

किसानों ने नोएडा से दिल्ली के लिए किया कूच, कालिंदी कुंज में रोकने की तैयारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 11वें दिन भी जारी है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने के लिए भारतीय किसान संघ लोक शक्ति के सदस्यों ने नोएडा के राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल से राजधानी दिल्ली की ओर कूच शुरू कर दिया है। यह किसानों जत्था कालिंदी कुंज के रास्ते दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। इस कुच को देखते हुए वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और चारों ओर से बैरिकेडिंग कर दी गई है।

साउथ दिल्ली के डीसीपी राजेश एस. ने बताया कि हमारी गाड़ियां डीएनडी और कालिंदी कुज पर खड़ी है। भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपील करेंगे कि किसानों का ये जत्था आगे न बढ़ें।

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किसान भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले फरीदाबाद के अजरौंदा चौक बसंत वाटिका में रात्रि विश्राम के बाद दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर के लिए निकले थे पर उन्हें फरीदाबाद पुलिस ने बदरपुर फ्लाईओवर से कई कि लोमीटर पहले ही रोक दिया। किसान नेताओ ने इसके बाद चेतावनी देते हुए कहा कि वह प्रशासन की हर बात मानते हुए पैदल ही चल रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें बेवजह ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि वे किसी भी हालत में फरीदाबाद बॉर्डर पर जाकर रहेंगे।

उधर, आज ओलिंपिक पदक विजेता और हरियाणा के बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी अब किसान के आंदोलन स्थल पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया। सरकार को चेतावनी देते हुए विजेंदर सिंह ने कहा कि अगर इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है तो फिर वो अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड वापस कर देंगे। बॉक्सर विजेंदर ने किसानों के मंच से कहा, “अगर सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है तो फिर मैं राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड वापस कर दूंगा।”

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बता दें कि विजेंदर को साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था। उन्होंने साल 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में कांस्‍य पदक जीतकर देश के नाम इतिहास रचा था। ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय मुक्‍केबाज थे जिन्होंने देश के लिए ये पदक जीता। वे बीजिंग ओलिंपिक्‍स में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट थे। ओलिंपिक कांस्‍य पदक के बाद विजेंदर ने साल 2009 वर्ल्‍ड चैंपियनशिप और 2010 के कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में भी ब्रॉन्‍ज मेडल जीता था

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