नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने एलान किया है कि वो भारत बंद का समर्थन करेगी। कांग्रेस ने कहा है कि 8 दिसंबर को किसान संगठनों की ओर से नए कृषि कानूनों के विरोध में बुलाया गया ‘भारत बंद’ का पार्टी समर्थन करेगी और उसके कार्यकर्ता इसे सफल बनाने के लिए काम करेंगे।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेरा ने एक प्रेस कांफेंस इसकी जानकारी दी। पत्रकारों से बात करते हुए खेड़ा ने कहा, “कांग्रेस ने 8 दिसबंर को भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। हम अपने पार्टी कार्यालयों पर बंद को लेकर प्रदर्शन करेंगे। यह किसानों को राहुल गांधी के समर्थन को मजबूत करने वाला कदम होगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन सफल हो।”
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि किसानों की मांगें सरकार को माननी होंगी और काले कानून को वापस लेना होगा।
उन्होंने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए था कि जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है। सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती।
साथ ही शनिवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, “बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।”
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किसानों ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों मीडिया के सामने ऐलान किया था कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान करेंगे।
किसान नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा था कि दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना हमने बनाई है। 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान करने का फैसला लिया गया है। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा था कि अगर सरकार ने हमारी मांगों को शनिवार की बैठक में स्वीकार नहीं करती है, तो हम नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज कर देंगे।
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