गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं ने एलान किया है कि वे अब 1 फरवरी को प्रस्तावित संसद तक का मार्च नहीं निकालेंगे। बुधवार शाम को किसानों ने कहा कि उन्होंने अगले सोमवार का संसद तक मार्च करने की अपनी योजना को टाल दिया है। किसानों ने सोमवार को एलान किया था कि ट्रैक्टर रैली के बाद वे 1 फरवरी बजट पेश होने के दिन संसद तक पैदल मार्च करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “कल किसान गणतंत्र परेड में 2 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर आए और दुनिया की नजरें इस पर रहीं। सरकार ने साजिश के तहत इसे तोड़ने की कोशिश की। सरकार ने पंजाब किसान मजदूर समिति को खुद परेड में आगे लाकर बैठाया। सरकार की इनसे मिलीभगत थी।”
On Martyrs' Day, we'll hold public rallies across India on behalf of the farmers' agitation. We will also keep a one-day fast. Our March to the Parliament on Feb 1st stands postponed for now due to this (yesterday's violence): Balbir S Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R)#FarmLaws pic.twitter.com/b5dH9U6czJ
— ANI (@ANI) January 27, 2021
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उन्होंने कहा, “हमारे लिए हर रूट पर बाधाएं खड़ी की गईं। खुद सरकार ने सबको लाल किला और आईटीओ पर इनको भेजा और यह सबके सामने है। दीप सिद्धू सरकार के खास हैं। 26 जनवरी को पुलिस चौकी पर सारे पुलिसवाले चौकी छोड़कर चले गए और उन्हें अपना काम करने दिया। राष्ट्रीय ध्वज हटाकर इन लोगों ने धार्मिक झंडा फहाराया। इससे हमारी भी और देश की भावनाएं हुईं। हम बिना किसी कसूर के देशवासियों को खेद प्रकट करते हैं, लेकिन मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने फैसला लिया है कि फसला 30 जनवरी को देशभर में आंदोलन की तरफ से जनसभाएं की जाएंगी और एक दिन का अनशन किया जाएगा। फिलहाल हमने 1 फरवरी को संसद पर मार्च का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। यह अब कब होगा इसके बारे में अगली तारीख तय की जाएगी।”
वहीं, योगेंद्र यादव ने कहा, “हमारी कल की परेड सफल रही। उसमें कुछ घटनाएं हमारी योजनाओं के अनुसार नहीं थीं। आप जानते हैं कि हमने ऐसी घटनाओं से खुद को अलग कर दिया।” उन्होंने इसके बाद कहा, “दीप सिद्धू और पंजाब किसान मजदूर समिति के अंदर के रोल को हमने पर्दाफाश किया। ये सरकार की तरफ से सुनियोजित व्यक्ति है। हम पूरे देश से दीप सिद्धू के सामाजिक बहिष्कार की अपील करते हैं। तिरंगे की बेदअदबी करना देश का अपमान है। 25 जनवरी को उसने सबके सामने घोषणा कर दी थी। उसे सजा मिलनी चाहिए।
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किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने सोमवार को कहा था कि 1 फरवरी को दिल्ली में अलग-अलग जगहों से हम लोग संसद तक पैदल मार्च करेंगे। किसान संगठनों ने सोमवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा थी कि केंद्र सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी हम आंदोलन जारी रखेंगे। 26 जनवरी को सुबह 8 बजे परेड शुरू होगी जब तक आखिरी ट्रैक्टर वापस नहीं आ जाता है तब तक परेड चलता रहेगा, बेशक इसमें दो दिन लग जाएं।
उल्लेखनीय है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं अब तक 20 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। एफआईआर में आईपीसी की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक/ सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने 37 किसान नेताओं के खिलाफ में मामला दर्ज किया है। जिन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है उनमें- राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, वीएम सिंह, दर्शन पाल, राजेंद्र सिंह, विजेंदर सिंह, हरपाल सिंह, विनोद कुमार, बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह, जगतार बाजवा, जोगिंदर सिंह उगराहां के नाम शामिल हैं।
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