गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद बागपत में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर पुलिस बीते रात बड़ी कार्रवाई की और 40 दिन से चल रहे किसानों के धरने को जबरन खत्म करा दिया। बताया जा रहा है कि जब किसान सो रहे थे तब पुलिस ने वहां धावा बोला और लाठीचार्ज कर की। इसके अलावा कई किसानों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि पहले पुलिस ने बिजली काटा फिर अंधेरे में पुलिस ने ये कार्रवाई की। पुलिस ने सैकड़ों किसानों से दौड़ा-दौड़ा कर मारा और उनके टैंट को उखाड़कर फेंक दिया। घटना का कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि जिसमें देखा जा सकता है कि किसानों को पुलिस लाठियों से पीट रही है और वे इधर-उधर भाग रहे हैं। रात को टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर ऐसे ही हालात थे। लाईट काट दी गई और पुलिस बलों की संख्या बढ़ा दी गई।
Police has unleashed brutal indiscriminate lathicharge on protesting farmers at Baghpat, Delhi-Sahranpur Highway. Farmer leaders on site arrested and taken to undisclosed location. #BoycottBJP pic.twitter.com/LxaLnrBAaw
— Saral Patel (@SaralPatel) January 27, 2021
लगभग 40 दिन पहले बड़ौत में कृषि कानूनों के विरोध में खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरने की शुरुआत हुई थी। लेकिन, सुरेन्द्र सिंह बाद में धरने से अलग-थलग हो गए थे। सुरेन्द्र सिंह के हटने के बाद दूसरे खापों के चौधरियों ने बेमियादी धरने का नेतृत्व संभाला था।
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Lights have been cut-off at Delhi’s Gazipur Border, Protesting farmers anticipate imminent police crackdown.
— Saral Patel (@SaralPatel) January 27, 2021
Similar reports coming from other borders too. (Singhu, Tikri etc) pic.twitter.com/P8VgTFVtnl
हालांकि, आगे चलकर दूसरे किसान नेताओं की तरह सुरेन्द्र सिंह दुबारा से धरनास्थल पर लौट आए थे। दिवस गणतंत्र दिवस के दिन बड़ौत धरनास्थल से भी सैकड़ों किसान अपना ट्रैक्टर लेकर रैली में गए थे। दिल्ली की घटना के बाद बुधवार दोपहर तक अधितर किसान अपने-अपने गांव या बागपत धरनास्थल पर लौट आए थे।
एडीएम अमित कुमार सिंह एवं एएसपी मनीष मिश्र ने बुधवार को पूरे दिन धरना कर रहे किसानों के साथ आंदोलन खत्म करने के लिए बातचीत की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे। इसके बाद भारी संख्या में रात 11 बजे रात से पुलिस बल धरनास्थल पर आनी शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस ने किसानों को खदेड़ते हुए धरना स्थल को अपने कब्जे में ले लिया। इस दैरान मौके पर एसपी अभिषेक सिंह, एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह वगैरह मौजूद थे।
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वहीं धरना स्थल पर बैठे किसान नेता चंद्रपाल सिंह ने बताया कि धरना स्थल की बिजली काट दी गई। साथ ही धरनास्थल के दोनों तरफ के सुरक्षा बैरिकेड्स को भी हटा दिया गया। एडीएम ने मौके का दौरा किया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक से डेढ़-दिन के भीतर इलाके को खाली करने का निर्देश दिया है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने बल प्रयोग नहीं किया। हालांकि, वीडियो में नजारा अलग ही दिख रहा है।
बागपत एडीएम अमित कुमार सिंह ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, “हमारे पास एनएचएआई का पत्र आया था। उन्होंने गुजारिश की थी कि किसानों के प्रदर्शन के चलते उनके काम में बाधा आ रही है और काम पूरा होने में देरी हो रही है। इसलिए हमने शांतिपूर्ण ढंग से किसानों को वापस जाने को कहा। वे लोग शांतिपूर्ण ढंग से अपने आप चले गए। हमने इनका सामान भिजवा दिया।”
NHAI के अनुरोध पर राष्ट्रीय राजमार्ग से अवैध अतिक्रमण शांतिपूर्ण ढंग से हटाया गया।जिसके संबंध में ADM महोदय बागपत द्वारा दी गई बाइट। pic.twitter.com/d8ehFyHevG
— Baghpat Police (@baghpatpolice) January 27, 2021
बल प्रयोग से एडीएम ने भी साफ इनकार किया। उन्होंने कहा, “चार-पांच वृद्ध लोग वहां पर मौजूद थे, उनमें एक मानसिक रूप से थोड़ा बीमार लग रहे थे। लाठीचार्ज नहीं किया गया। किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया।” वहीं ऐंबुलेंस में किसानों को ले जाने की बात पर एडीएम ने कहा, “ऐंबुलेंस से किसी को अस्पताल नहीं बल्कि घर भिजवाया गया है। किसी को किसी तरह की चोट नहीं आई।”
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कल देर रात बड़ौत में पुलिस ने सोते हुए किसानों पर लाठियां बरसाई!
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) January 28, 2021
इस बुजुर्ग किसान को देखो। ये कोई आतंकवादी या अपराधी है क्या? pic.twitter.com/6G4J6aGEgR
दूसरी तरफ आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर नाराजगी जताई। उन्होंने एक बुजुर्ग की तस्वीर शेयर किया जिसके हाथ से खून निकल रहा है। जयंत ने तस्वीर पोस्ट कर लिखा, “कल देर रात बड़ौत में पुलिस ने सोते हुए किसानों पर लाठियां बरसाई! इस बुजुर्ग किसान को देखो। ये कोई आतंकवादी या अपराधी है क्या?”
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