सुब्रमण्यम स्वामी बोले- लाल किला ड्रामा के पीछे PMO के करीबी BJP नेता का हाथ!

सुब्रमण्यम स्वामी बोले- लाल किला ड्रामा के पीछे PMO के करीबी BJP नेता का हाथ!

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है। राजधानी में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। वहीं हिंसा में अब तक आई खबरों के मुताबिक, लगभग 300 पुलिसकर्मी के घायल होने की खबर आई है।

लेकिन किसानों की ओर से कितने लोग घायल हुए हैं इसका आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है। कल आईटीओ पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई थी। दूसरी तरफ पुलिस ने इस पूरे मामले अब तक 22 एफआईआर दर्ज की है।

इसी बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लाल किले विवाद में पंजाबी सिंगर और अभिनेता दीप सिंह सिद्धू को लेकर ट्वीट कर नया मोड़ ला दिया है। स्वामी ने सोशल मीडिया में चल रही खबरों के आधार पर शक जताते हुए कहा कि लाल किले पर जो बवाल हुआ, उसमें पीएमओ के करीबी भाजपा नेता का हाथ रहा है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा, “एक गूंज चल रही है, शायद झूठी हो सकती है या दुश्मनों की झूठी आईडी से चलाई गई है कि पीएमओ के करीबी भाजपा के एक सदस्य ने लाल किले में चल रहे ड्रामे में भड़काऊ व्यक्ति के तौर पर काम किया। चेक कर के जानकारी दें।”

स्वामी ने इतना ही नहीं किसान आंदोलन में शामिल रहे दीप सिद्धू के एक ट्वीट को भी रिट्वीट किया। उन्होंने कहा गया था कि लाल किले की हिंसा में आरोपी दीप सिद्धू भाजपा सांसद सनी देओल का कैंपेन मैनेजर रह चुका है।

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “इस घटना से पीएम मोदी और अमित शाह की छवि को नुकसान पहुंचा है। साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने भी अपना सम्मान खो दिया है। इसके अलावा, उन्होंने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। सुब्रमण्यम स्वामी का बयान ऐसे समय पर आया है जब देश के लोगों में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भारी आक्रोश है। उन्होंने इस घटना को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है।”

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चंढूनी दीप सिंह को लेकर कहा है, “किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किला तक ले गए।” हालांकि, लाल किला पर झंड़ा फहराने के विवाद पर दीप सिद्धू ने फेसबुक पर आकर सफाई दी है। उन्होंने जारी वीडियो में कहा है कि हमने प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत निशान साहिब का झंडा लाल किले पर फहराया मगर भारतीय झंडे को हमने नहीं हटाया।

साथ ही उन्होंने लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा एक धार्मिक झंडा फहराये जाने का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया। उन्हें कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है। अपने वीडियो में सिद्धू कहते हैं, “नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से अपना विरोध दर्ज कराने के लिए, हमने ‘निशान साहिब’ और किसान झंडा लगाया और साथ ही किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया।”

निशान साहिब’ की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “झंडा देश की ‘विविधता में एकता’ का प्रतिनिधित्व करता है।” दरअसल, ‘निशान साहिब’ सिख धर्म का एक प्रतीक है जो सभी गुरुद्वारा परिसरों पर लगा देखा जाता है। सिंद्धू ने जारी वीडियो में कहा है कि लालकिले पर ध्वज-स्तंभ से राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया गया और किसी ने भी देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाया।

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