पाकिस्तान में दिलीप कुमार के जनाजे की नमाज, कुछ इस तरह लोगों ने दी श्रद्धांजलि

पाकिस्तान में दिलीप कुमार के जनाजे की नमाज, कुछ इस तरह लोगों ने दी श्रद्धांजलि

बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार के फैन्स दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं। वे बुधवार यानी 7 जुलाई को इस दुनिया-ए-फ़ानी को अलविदा कह गए। फिल्म इंडस्ट्री के सितारे और दुनियाभर में मौजूद दिलीप साहब के फैंस उन्हें कल याद किया और श्रद्धांजलि दी।

एक तरफ जहां हिन्दुस्तान में उनका जनाजा पढ़ा गया वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में मौजूद उनके पुश्तैनी घर के बाहर भी नमाज अदा की गई। दिलीप कुमार का यह पुश्तैनी घर पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद हैं।

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पत्रकार इफ्तेखार फिरदौस ने वीडियो शेयर कर लिखा है कि अभिनेता दिलीप कुमार (यूसुफ खान) की अनुपस्थिति में उनके जन्मस्थान मुहल्ला खुदादाद, किस्सा ख्वानी, पेशावर मेंअंतिम संस्कार की रसम अदा की गई। शहर के विभिन्न स्थानों पर उनके लिए प्रार्थना की गई।

इसी घर में 11 दिसंबर, 1922 को दिलीप कुमार की पैदाइश हुई थी। यहीं ट्र्रेजेडी किंग का बचपन बीता। आज उनके खानदान वाले और फैन्स मौजूद हैं। कल दिलीप साहब के लिए पूरे कुम्बे ने गायबाना नमाज-ए-जनाजा (अंतिम संस्कार में होनी वाली नमाज) पढ़ी।

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साथ ही इसके रिश्तेदारों ने मोमबत्तियां जलाकर उन्हें अंतिम विदाई दी। इतना ही नहीं उनके नाम पर फतेहा (प्रार्थना) भी पढ़ा गया। दिलीप कुमार के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दु:ख व्यक्त किया था।

पाकिस्तान में दिलीप कुमार के जनाजे की नमाज, कुछ इस तरह लोगों ने दी श्रद्धांजलि

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मैं दिलीप कुमार के निधन से दुःखी हूँ। मैं उनकी उस दरियादिली को कभी नहीं भूल सकता जब उन्होंने एसकेएमटीएच प्रोजेक्ट (शौकत खान मेमोरियल ट्रस्ट हॉस्पिटल) के शुरू होने के समय फंड जुटाने के लिए हमें समय दिया था। ये सबसे मुश्किल समय होता है- शुरू का 10% फंड जुटाना और पाकिस्तान व लंदन में उन्होंने अपनी मौजूदगी से बहुत रक़म जुटाने में मदद की।” उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, मेरी पीढ़ी के लिए दिलीप कुमार महानतम और सबसे बहुआयामी कलाकार थे।”

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उल्लेखनीय है कि दिलीप कुमार का असल नाम मोहम्मद युसूफ खान था। 11 दिसंबर 1922 को उनका जन्म पेशावर में हुआ था। साल 1998 में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें निशान-ए-इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इसके अलावा पाकिस्तान में दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया गया है। वहां की सरकार ने दिलीप कुमार के घर को सरकारी म्यूजियम में तब्दील करने का एलान किया है।


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